मीरजापुर। देश में हर जगह विजयादशमी के दिन रामलीलाओं में राम और रावण के युद्ध में रावण के पुतले का दहन होता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले में एक स्थान ऐसा है, जहां दशहरे पर रावण के पुतला दहन के बजाय सरेआम उसके सिर को कलम किया जाता है।

हलिया क्षेत्र के ड्रमंडगंज बाजार का विजयदशमी मेला काफी प्रसिद्ध है। ड्रमंडगंज बाजार के ऐतिहासिक दशहरा मैदान में विजय दशमी पर्व पर श्रीराम लीला कमेटी द्वारा रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है बल्कि पुरानी परंपरा के अनुसार यहां रावण के पुतले का सिर कलम किया जाता है। सोमवार देर शाम तक रावण के 10 सिर वाले लोहे के पुतले को सजाने संवारने में कलाकार दुल्लीचंद बिंद लगे रहे।

ड्रमंडगंज रामलीला कमेटी के अध्यक्ष लवकुश केशरी ने बताया कि ड्रमंडगंज में रावण के पुतले का सिर कलम करने की सौ वर्ष से भी अधिक समय से स्थापित पूर्वजों की परंपरा को कायम रखने के लिए रावण के 10 सिर वाले पुतले को तैयार कर लिया गया है, जिसका विजयादशमी पर्व पर दशहरा मैदान में श्रीराम अपने हाथों से सिर कलम करेंगे। शुरू में लोहे के एक सिर वाले पुतले का निर्माण छटंकी मिस्त्री ने किया था। बाद में कलाकार दुल्ली चंद बिंद ने एक सिर वाले पुतले का जीर्णोद्धार करके 10 सिर वाले लोहे के पुतले का निर्माण कर दिया। लोहे के बने 10 सिर वाले पुतले का सिर कलम होने के बाद रामलीला कमेटी के सदस्य उसे अगले वर्ष के लिए सुरक्षित रख देते हैं। विजयादशमी पर्व पर लगभग 20 फीट ऊंचे रावण के पुतले को जब ड्रमंडगंज बाजार में घुमाया जाता है तो सड़क पर भारी भीड़ रावण के पुतले को देखने के लिए उमड़ पड़ती है।

ड्रमंडगंज बाजार में विजयादशमी पर्व पर 10 सिर वाले रावण का सिर कलम करने की पूर्वजों द्वारा कायम 150 वर्ष पुरानी परंपरा बनाए रखने के लिए रामलीला कमेटी ड्रमंडगंज लोहे के 10 सिर वाले रावण के विशालकाय पुतले को तैयार करा चुकी है।

ड्रमंडगंज में विजय दशमी के अवसर पर इस आयोजन को देखने के लिए क्षेत्रीय लोगों के अलावा पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश एवं प्रयागराज जिले के कोरांव क्षेत्र के लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *