भारत में हिन्दू रीति रिवाजों के मुताबक पत्नी अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है। आज यानी 1 नवंबर को दुनिया भर में करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है। करवा चौथ को पत्नियों के सौभाग्य का त्यौहार माना जाता है। पत्नियां करवा चौथ का बेसब्री के साथ इंतजार करती हैं। पत्नियां अपने पतियों के लिए उपवास रखती हैं। पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का उपवास रखा जाता है।
करवा चौथ में छलनी से चांद क्यों देखती हैं पत्नियां
करवा चौथ के दिन पत्नियां चन्द्रमा को छलनियों के सहारे देखती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के चांद को देखना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि चांद को नंगी आंखों से देख लेने पर पत्नियों पर झूठे आरोप लगते हैं। करवा चौथ भी चौथ की तिथि पर आता है। ऐसे में चंद्रमा को किसी वस्तु के सहारे देखने की परंपरा है। इसिलए पत्नियां चांद को देखने समय छलनी का इस्तेमाल करती हैं, ताकि चांद और पति को एक साथ देख कर व्रत तोड़ सके।
पत्नियां करवा चौथ पर इन बातों का रखें ख्याल
करवा चौथ की पूजा करने के बाद चांद को अर्घ्य जरूर दें, इसके बाद आप अपने सुहाग यानी कि पति के हाथों से ही पानी पीएं और उसके बाद ही व्रत तोड़ें। अगर आप अपने पति से दूर रहते हैंतो आप उनकी तस्वीर देखकर यानी उनकी तस्वीर को सामने रखकर पारण कर सकती हैं। आप इस पूजा में चढ़ाई गईं हलवा-पूड़ी और मिष्ठानों का ही सेवन करें। निर्जला व्रत रखने के बाद शीघ्र भोजन न करें। इससे पहले आप नारियल पानी या जूस पिएं। पूजा के बाद केवल पति की ही नहीं बल्कि घर के अन्य बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना न भूलें। आप व्रत खोलने के बाद भी लहसुन-प्याज और मांसाहार नहीं का सेवान न करें। माना जाता है कि व्रत के बाद इन सबका सेवन नहीं करना चाहिए। व्रती महिलाएं करवा चौथ व्रत के पारण के दौरान पंडित और गरीबों को दान करना कदापि ना भूलें। पूजा के दौरान आपने जिन श्रृंगार के सामानों को रखा था, उन्हें अपनी सुहागिन ननद, बहन या जेठानी को दे दें।