गुमला में आदिवासी समुदाय के तीन लोगों ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया है। पुलिस समझ नहीं पा रही है कि तीन लोगों के फांसी लगाने के पीछे क्या वजह हो सकती है। हालांकि सुसाइड के ये तीनों हादसे अलग-अलग स्थान पर हुए हैं। जान देने वालों में दो युवक और एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति हैं। पुलिस ने तीनों ही मामलों में यूडी केस दर्ज किया है और मामलों की पड़ताल में जुट गयी है। पुलिस ने तीनों शवों का पोस्टमार्टम कराने बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिये हैं। मृतकों में पालकोट के धरमचंद खड़िया, घाघरा के अमित टोप्पो औऱ चैनपुर प्रखंड के विजय टोप्पो के नाम शामिल हैं।
पालकोट में युवक ने दी जान
मिली खबर के मुताबिक गुमला के पोलकोट प्रखंड के लोटवा गांव में धरमचंद खड़िया ने फांसी लगाई है। मृतक के पिता ने बताया नि धरमचंद ने अपने घर के निकट पेड से फांसी का फंदा लटका कर जान दे दी। इसका पोस्टमार्टम सदर अस्पताल, गुमला में कराया गया। पिता ने बताया कि धऱमचंद शांत स्वभाव का था औऱ जल्दी किसी बात पर गुस्सा नहीं होता था। बेटे ने किस कारण से फांसी लगाई, ये बात उनको या परिवार के अन्य सदस्य को भी समझ में नहीं आ रही है।
घाघरा में इस तरह हुआ हादसा
आत्महत्या की दूसरी घटना जिले के घाघरा के शिवसेरंग गांव से सामने आयी है। यहां 27 साल के अमित टोप्पो ने अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस को इस घटना की सूचना मंगलवार को मिली जबकि युवक ने सोमवार रात को फांसी लगाई है। मृतक अमित टोप्पो के परिवार वालों ने बताया कि अमित देर शाम को मेला देखकर वापस घर लौटा था। उसके बाद उसने रोज की तरह खाना खाया और अपने कमरे में सोने चला गया। सुबह उसके नहीं जगने पर लोगों ने उसकी खबर ली। अमित का शव कमरे में एक साड़ी के फंदे में लटका हुआ मिला। इसके बाद आत्महत्या की सूचना पलिस को दी गयी।
मानसिक रोगी ने कर ली आत्महत्या
चैनपुर प्रखंड में पीपल चौक के पास 50 साल के अधेड़ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक विजय टोप्पो टेंट हाउस की दुकान चलाता था। लोगों की मानें तो विजय की मानसिक हालत अच्छी थी। इस कारण वो दुकान भी ठीक से नहीं चला पाता था। ये घटना भी सोमवार देर रात घटी है। जिसकी सूचना पुलिस को दूसरे दिन मंगलवार को मिली। चैनपुर पुलिस इस मामले की पड़ताल कर रही है। विजय ने पंखे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या की है।