राजस्थान के अजमेर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे हर उस महिला को प्रेरणा लेनी चाहिए जिसके साथ अपराध हुआ है। हिमाचल प्रदेश के एक स्कूल में आयोजित वेबिनार में जस्टिस भल्ला बतौर अतिथि शामिल हुए थे। जज के संबोधन से एक महिला खिलाड़ी प्रेरित हुई और अपने साथ हुई रेप की वारदात की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद मामले में एफआईआर दर्ज किया गया। कोर्ट में सुनवाई हुई और फिर आरोपी को 20 साल की मिली। आरोपी को ये सजा अजमेर की विशेष अदालत ने सुनाई है। दरअसल जज ने स्कूल की छात्राओं से कहा था कि अपने साथ हुए अपराध को सहने की आदत ना डाले, उसे छुपाने की बजाए उजागर करे। जस्टिस भल्ला के इन्हीं शब्दों ने लड़की को हिम्मत दी। यह मुकदमा हिमाचल प्रदेश के कसोली पुलिस थाने में दर्ज हुआ, लेकिन वारदात अजमेर में हुई थी इसलिए इसकी सुनवाई अजमेर पोक्सो कोर्ट में हुई। 

क्या है मामला 
जज की बात सुनकर लड़की ने स्कूल के प्रिंसिपल और अभिभावकों को घटना की जानकारी दी थी। यह मामला 2019 का है। पीड़ित नाबालिग लड़की अजमेर (अंडर-16 वर्ग) फुटबॉल टूर्नामेंट खेलने गई थी, तब टीम को एक गार्डन में रोका गया था। कोच ने पीड़ित लड़की को कमरे में बुलाकर उससे रेप किया था। प्रिंसिपल और लड़की के परिजनों ने कसोली थाने में इसकी सूचना दी।  इसके बाद कोच के खिलाफ रेप और पोक्सो एक्ट में केस दर्ज किया गया। महिला सब इंस्पेक्टर ने पीड़िता के बयान लिए और इस केस को आगे बढ़ाया गया। इसके बाद कोर्ट में आरोपी के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट फाइल की। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोपी फुटबॉल टीम के कोच को दोषी मानते हुए बीस साल के कठोर कारावास और साठ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने पीड़िता को राज्य सरकार की योजना के मुताबिक 6 लाख रुपए का मुआवाज दिए जाने का भी आदेश दिया।

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