November 21, 2024

एजेंसी। रमजान का पवित्र का महीना चल रहा है. जगह-जगह इफ्तार पार्टियों का आयोजन किया जा रहा है. सियासी गलियारों में भी इफ्तार पार्टियां शुरू हो गई हैं. इस बीच हर साल की तरह इस बार भी बिहार की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इफ्तार पार्टी का आयोजन कराने जा रही है. RJD की तरफ से शेयर किए गए दावतनामे के मुताबिर RJD ने रविवार को इफ्तार पार्टी रखी है लेकिन बड़ी तादाद मुस्लिम समाज इस इफ्तार पार्टी बहिष्कार कर रहा है.

शुक्रवार को RJD के तमाम ऑफिशियल ट्विटर हैंडल्स से दावत नामा शेयर किया जा रहा है. जिसमें कहा गया कि दिनांक: 9 अप्रैल 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी जी के 10, सर्कुलर रोड मौजूद सरकारी आवास पर राजद के ज़रिए आयोजित “दावत-ए-इफ़्तार” में मा. उप-मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव (TEJASWI YADAV) जी ने आप सभी को सादर आमंत्रित किया है. कृपया इसमें शरीक होकर राजद परिवार को अनुग्रहित करें. हालांकि बड़ी तादाद में मुस्लिम इस इफ्तार पार्टी का विरोध कर रहे हैं. एक शख्स ने RJD के इस ट्वीट पर कमेंट करते हुए लिखा,”जब रोज़ेदारों के मकान, दुकान, मस्जिद और मदरसों को आग के हवाले किया जारहा था, तो बिहार सरकार दंगाईयों को छूट दे रखी थी. चाहे मंत्री हों या मुस्लिम विधायक वक़्फ़ और मदरसा बोर्ड का चेयरमैन और अब ये बेशर्म लोग इफ़्तार पार्टी करके जले पर नमक छिड़कने का काम कररहे #BoycottAftarParty #Bihar.

एक और यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा,”बहुत बहुत धन्यवाद आप बिहारशरीफ के मदरसों को फिर से आबाद करें और वहां की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करें. दंगाइयों को करी सजा दे.” एक अन्य यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा,”नेक काम करने जा रहे हो तुम्हारी सभी दुआओं को खुदा काबुल फरमाये! लेकिन तुमसे एक सवाल है बिहार शरीफ जल रहा था. तुम 3 दिनों तक कहां छुपा था! एक और सवाल- हम मुस्लिम के नाम को तुम कब तक इस्तेमाल करोगे? सिर्फ अपने फायदे के लिए कुछ और सवाल है हम युवाओं को बेरोजगारी पे तुम कब तक रोटी सेकोगे !”

बता दें कि पिछले दिनों रामनवमी के मौके पर बिहार के सासाराम और आस पास के इलाकों में हिंसा की खबरें आई थीं. इसके अलावा नालंदा जिले के बिहारशरीफ में भी रामनवमी के मौके पर झड़पें देखने को मिलीं. यह हिंसा इस कदर बढ़ गई कि फसादियों ने यहां के सबसे पुराने मदरसे अजीजिया और लाइब्रेरी को ही आग के हवाले कर दिया. इस आग में मदरसे को भारी नुकसान पहुंचा. वहीं लाइब्रेरी की भी 4 हजार से ज्यादा किताबें जलकर राख हो गईं. मुसलमानों का आरोप है कि जिस वक्त दंगाई मदरसे, घर, दुकान और लाइब्रेरी को निशाना बना रहे थे उस वक्त RJD+JDU गठबंधन की सरकार के तहत आने वाली पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी.

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