रांची : वार्ड 17 के पूर्व पार्षद रहे सलाउद्दीन उर्फ संजू के छोटे भाई फिरोज असलम उर्फ रिंकू खान की हत्या में शामिल छह अभियुक्तों में से तीन जिसमें मास्टर माइंड मुर्शीद अयुब, हैदर अली और फिरदौस उर्फ बब्लू राइडर इन तीनों को रांची सीवील कोर्ट के एजीसी (।।। ) आनन्द प्रकाश की कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। और दस दस हजार का जुर्माना भी लगाया है। इस पूरे घटनाक्रम में हिंद पीढ़ी थाना में 59/2022 दर्ज किया गया था। छह अभियुक्तों का नाम सामने आया था जिसकी गिरफ्तारी तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र झा के नेतृत्व में हुई थी, और हिंदपीढ़ी के तत्कालीन थाना प्रभारी विनय कुमार के प्रयास से सभी अभियुक्तों की जिसमें मास्टर माइंड मुर्शीद आयुब, हैदर अली और फिरदौस बब्लू राइडर , इमरान, रेहान, इरशाद शामिल थे को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इन में इमरान पर अलग से ट्राइल चल रहा है, रेहान और इरशाद को निर्दोष माना है। इस पूरे मामले को अधिवक्ता निखिल चटर्जी देख रहे हैं।

क्या था मामला:

बता दें कि बीते 16 अप्रैल 2022 को 13 वें रमजान के मौके पर बाद नमाज मगरीब इफ्तार के वक्त फिरोज असलम उर्फ रिंकू की हत्या कर दी गई थी। इस चर्चित त्याकांड का खुलासा रांची के तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र झा ने कर दिया था। शूटर समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। छानबीन में ये बात सामने आयी थी कि पैसे को लेकर हुए विवाद के कारण इस घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले में मुर्शीद अयूब, हैदर अली, मो. इरशाद, रेहान खान उर्फ सीट्टन, इमरान और फिरदौस बब्लू राइडर शामिल थे। उस वक्त बताया गया था कि मुर्शीद ने ही साजिश रची थी और उसने ही योजनाबद्ध तरीके से 45 लाख रुपए के विवाद में रिंकू खान की हत्या करा दी। घटना के दिन मुर्शीद ने षड्यंत्र के तहत मृतक रिंकू को अपने घर पर बुलाया था। कुछ घंटे बाद जैसे ही रिंकू खान उसके घर से बाहर निकला, अपने साथी के साथ मोटर साइकिल से जा रहा था कि पहले से तैयार कुख्यात अपराधी फिरदौस बब्लू राइडर को ये सूचना दे दी। इसके बाद हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के कुछ ही दूरी पर चुनु खान के घर के पास ही पहले से घात लगाए अपराधियों ने उसे चलती बाइक से ही उसके पीठ पर गोली मार दी और फरार हो गए, रिंकू वहीं जमीन पर गिर गया, अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गई।

घटना का कारण:

बताया गया था कि हत्या वाले घटना से लगभग एक साल पहले बड़ा तालाब के पास रिंकू ने हिन्दपीढ़ी निवासी मुर्शीद से 60 लाख रुपए में ढाई डिसमिल जमीन खरीदी थी। कुछ दिनों बाद रिंकू को जमीन के विवादित होने की जानकारी मिली। फिर रिंकू ने मुर्शीद से अपना पैसा वापस मांगना शुरू कर दिया। काफी प्रयास के बाद रिंकू और मुर्शीद के बीच समझौता तो हुआ।
इसके बाद 45 लाख रुपए वापस लौटाने पर सहमति बनी। परंतु मुर्शिद पैसा वापस करने में आना-कानी कर रहा था। अंत में पैसा देने की बजाय मुर्शीद ने एक षड्यंत्र के तहत रिंकू को करीब 4:45 बजे शाम को घर बुलाकर उसे घंटों देर बैठाये रखा और बैंक से पैसे निकालने और फिर सर्वर डाउन होने की बात कहकर उसे वापस भेज दिया था। इसी दौरान रिंकू की हत्या कर दी गई। इस दौरान गवाह के रुप में नौशाद का नाम आया था लेकिन वे अंतिम समय में पीछे हट गया।

गवाह मुकर गया लेकिन पुलिस ने फर्ज निभाया:

किसी भी अपराधी को सजा दिलाने के लिए गवाह एक महत्वपूर्ण होता है। गवाह मुकर जाएं तो किसी भी अपराधी को सजा मिलना मुश्किल हो जाएगा, लेकिन ऐसे विषम परिस्थिति में मृतक रिंकू खान के हत्या का गवाह के रूप में नौशाद का नाम आया था, लेकिन वो पीछे हट गया ,ऐसे में हिंदपीढ़ी थाना प्रभारी विनय कुमार और इस केस के अनुसंधानकर्ताओं में रंजन कुमार, होसन डांग ,जॉन कांडुलना ने बखूबी अपना फर्ज निभाया और एक-एक बिंदुओं पर छानबीन करते हुए समय चार्जशीट दाखिल कराया, जिन बिंदुओं पर तीन अपराधियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई । इतना ही नहीं इन पूरे अभियुक्तों को गिरफ्तार कराने से लेकर सजा दिलाने तक में मृतक फिरोज असलम उर्फ रिंकू खान के बड़े भाई पूर्व पार्षद सलाउद्दीन संजू की अहम भूमिका रही, यदि वे किसी तरह से टूट जाते तो इन अपरोधियों का सजा तो दूर गिरफ्तारी भी हो पाना मुश्किल था, लेकिन सलाउद्दीन संजू पीछे नहीं हटे बल्कि अभी तक डटे रहे और अपराध के खिलाफ मुखर होकर अपराधियों का सामना किया और सजा दिलाने में सफल रहे।

मृतक के भाई संजू ने कहा:

वार्ड 17 के पूर्व पार्षद सलाउद्दीन उर्फ संजू ने कहा कि रमजान जैसे मुबारक महीने पर किसी को अपना दोस्त बनकर घर इफ्तार खिलाने बुलाते हैं और फिर उसे धोखे के साथ उसकी हत्या कर देते हैं, ऐसे छह आरोपियों में मात्र तीन को उम्र कैद की सजा हुई है, माननीय न्यायालय से अपील है कि बाकी आरोपियों को भी आजीवन कारावास की सजा मिलनी चाहिए, ताकि कोई भी बदमाश किसी की हत्या करने पर सौ बार उसे सोचना पड़े, साथ ही सलाउद्दीन ने यह भी कहा कि गवाह के रुप में नौशाद था जो पीछे हट गया। आगे कहा कि किसी को भी अपराध और अपराधियों से कभी समझौता नहीं करना चाहिए और ना ही ऐसे गुंडे, बदमाशों को संरक्षण देना चाहिए, समाजिक बहिष्कार भी होनी चाहिए।

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