November 23, 2024

परवेज़ कुरैशी

रांची। मुख्य निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के बाद झारखंड में एक ही जिला में 3 सालों से अधिक समय तक कार्यरत रहने वाले आईएएस, आईपीएस , पुलिस कर्मी सभी का तबादला जोर जोर से हो रहा है। कुछ ऐसे भी पुलिस कर्मी हैं या आईपीएस अधिकारी रहे जिनका तबादला एक महीने में दो बार अलग-अलग जगहों पर किया गया। जिसमें डीएसपी भोला प्रसाद सिंह जिनका तबादला खिलारी में हुआ था फिर उसे विलोपित करते हुए उन्हें जमशेदपुर डीएसपी बनाया गया। वहीं रांची ग्रामीण एसपी के पद पर अंजनी अंजन को नियुक्त किया गया था , इसे विलोपित करते हुए उनके स्थान पर पीयूष पांडे को रांची के ग्रामीण एसपी बनाया गया है। लेकिन कुछ ऐसे भी कुछ पुलिसकर्मी गण हैं जो आज भी पदस्थापन का बांट जोह रहें हैं।

सब इंस्पेक्टर विश्वजीत को नहीं मिला थाना:

जहां तबादलों की आंधी चल रही है इस आंधी में सबको कहीं ना कहीं पदस्थापित किया जा रहा है, लेकिन लोहरदगा जिला अंतर्गत कुडू थाना में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर विश्वजीत कुमार सिंह को अभी तक कोई थाना में पदस्थापित नहीं किया गया है। और वे अभी फिलहाल छुट्टी में है। बताया गया कि विश्वजीत लोहरदगा जिला से रांची जिला कर दिया गया लेकिन उन्हें कोई थाना नहीं दिया गया है। हालांकि विश्वजीत से संपर्क किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सकी।

कौन हैं विश्वजीत:

विश्वजीत कुमार सिंह 2018 बैच के तेज तरार सब इंस्पेक्टर हैं । लोहरदगा जिला के पेशरार ,बगडू, कुडू थाना जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहकर बेहतर काम करके दिखाया है। विश्वजीत कम समय में अपने कार्यकाल के दौरान कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं और इसी उल्लेखनीय कार्यों की बदौलत ही उन्हें डीजीपी डिस्क अवार्ड और गणतंत्र दिवस में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भी सम्मानित किया गया।

विश्वजीत के कार्य:

कोई भी अकेले काम नहीं करते हैं , टीम होती है लेकिन इसी टीम में कोई एक दो होते हैं जो सबसे आगे निकल जाते हैं ,इस श्रेणी में विश्वजीत कुमार सिंह का भी नाम आता है। 29 दिसंबर 2021-22 बगडू थाना में पदस्थापित थे तब इन्होंने पांच लाख रुपए ईनामी नक्सलियों के साथ में मुठभेड़ किये और एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद नक्सलियों की सफाया के लिए चलाए गए डबल बुल ऑपरेशन में भी बेहतर काम किए थे। कुडू थाना प्रभारी बने तो करीब पीएलएफआई के छः सदस्यों को पकड़ने में इनकी भूमिका रही जिसमें एक नक्सली का एनकाउंटर भी किया गया था। इतना ही नहीं कुडू थाना में ही पदस्थापित थे तब 4 फरवरी 2024 को स्थानीय ठेकेदार संतोष मांझी की हत्या कर दी गई थी और दस फरवरी को इसका भी उद्वेदन उन्होंने किया। पांच लाख रुपए का इनामी माओवादी गोविंद बिरजिया को पकड़ने में अपनी भूमिका निभाई। नक्सली सब जोनर कमांडर उदय उरांव को पकड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। हाल में 16 जनवरी 2024 को कोलकाता से रांची आ रही शिवम बस में सब्जी व्यापारी से लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले में रांची एसएसपी चंदन सिन्हा के निर्देश पर एसआईटी का गठन हुआ था, जिसमें चार लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इस एसआईटी टीम में विश्वजीत की भी अहम भूमिका थी। इस तरह के पुलिस सब इंस्पेक्टर का पदस्थापन किसी थाना में नहीं होने स्थानीय लोगों में नाराजगी है।

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