हुसैनाबाद विधायक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता कमलेश सिंह ने हेमंत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। धुर्वा स्थित आवासीय कार्यालय में प्रेस वार्ता कर कमलेश सिंह ने समर्थन वापसी का ऐलान किया। उन्होंने राज्यपाल को भी लिखित रूप से समर्थन वापस लिए जाने की जानकारी दी है। बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में हुसैनाबाद से निर्वाचित कमलेश सिंह बीते कुछ समय से प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि झारखंड में गिट्टी, बालू और पत्थर की लूट हो रही है। सरकार जन आंकांक्षाओं पर खरी नहीं उतरी है।

कमलेश सिंह ने वादाखिलाफी का आरोप लगाया
कमलेश सिंह ने समर्थन वापसी का ऐलान करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन सरकार राज्य की 3.25 करोड़ जनता के भरोसे पर खरा नहीं उतर सकी। उन्होंने कहा कि मैंने लाचार और निराश होकर समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मैंने हुसैनाबाद को जिला बनाने के मुद्दे पर हेमंत सोरेन सरकार को समर्थन देने का फैसला किया था। कमलेश सिंह ने दावा किया की यूपीए के नेता उनसे लिखित समर्थन मांगने आए ते। उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद को जिला बनाने के लिए उन्होंने 31 अक्टूबर तक का डेडलाइन दिया था। बावजूद इसके सरकार ने गंभीरता से विचार नहीं किया।

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरोपों पर किया पलटवार
बता दें कि कमलेश सिंह ने पिछले कई प्रेस कांफ्रेंस में हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोला। सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाया। जनता से किए वादों पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया। बता दें कि महाराष्ट्र में पवार परिवार में विवाद को लेकर भी कमलेश सिंह चर्चा में रहे। इस बीच, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कमलेश सिंह के समर्थन वापस लेने से सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 

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