झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास आज आडिशा के 26वें राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे। अब से कुछ ही मिनटों के बाद वह शपथ ग्रहण करेंगे। ओडिशा के राजभवन में कार्यक्रम का आयोजन होगा। ओडिशा के मुख्य न्यायाधीश पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। भुवनेश्वर में शपथ ग्रहण समारोह में झारखंड के कई नेता भी शामिल होंगे। बता दें कि शपथ लेने से पहले सोमवार को रघुवर दास भगवान जगन्नाथ के दरबार पहुंचे। उन्होंने महाप्रभु से सभी के कल्याण की कामना की और मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं से मुलाकात की। रघुवर दास ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्राथमिक सक्रिय सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। रघुवर दास 43 साल तक भाजपा के सक्रिय सदस्य रहे। बता दें कि रघुवर दास साल 1977 में बीजेपी के सदस्य बने थे। वर्ष 1980 में बीजेपी की स्थापना के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री सक्रिय राजनीति में आ गए। तभी से वह झारखंड के काफी प्रभावशाली नेता के रूप में जाने जाते हैं।
रविवार को निकले थे ओडिशा के लिए
बता दें, रघुवर दास रविवार को अपने जमशेदपुर स्थित एग्रिको आवास से ओडिशा के लिए पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रेन ओडिशा के लिए रवाना हुए थे। सोमवार को वे ओडिशा सुबह पहुचे। वहीं, जमशेदपुर आवास से निकलने से पहले उन्होनें अपने घरों के लोगों से मुलाकात की। साथ ही घर पर आए कार्यकर्ताओं से भी स्नेह पूर्वक भेंट किया और अपने बड़ी बहन से उनके आवास जाकर आशीर्वाद लिया। उसके बाद टाटानगर रेलवे स्टेशन के लिए प्रस्थान किया. जिसके बाद वह नई दिल्ली से चलकर आने वाले पुरषोत्तम एक्सप्रेस से ओडिशा के लिए प्रस्थान कर गए।
झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री हैं रघुवर
उल्लेखनीय है कि रघुवर दास झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रहे। झारखंड में बीजेपी के विस्तार में उनकी अहम भूमिका रही है। रघुवर दास लंबे समय से बीजेपी से जुड़े रहे हैं। साल 1977 में वह पार्टी के सदस्य बने। साल 1980 में बीजेपी की स्थापना के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री सक्रिय राजनीति में आ गए। रघुवर दास सबसे पहले 1995 में जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा चुनाव जीते और विधायक बने। तब से लेकर 2014 तक लगातार 5 बार इस सीट से जीते। 2019 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहते विधानसभा का चुनाव हारे। उन्हें शीर्ष नेतृत्व ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया।