विजयदशमी के दिन जब देश में जगह-जगह रावण दहन हो रहा था, दो बेटों ने इसी वक्त पिता की पीट-पीटकर हत्या कर दी। वजह, पिता शराब पीकर रोज-रोज घऱ में बेटों और बहुओं के साथ मारपीट करता था। घटना पश्चिम सिंहभूम, कुमारडुंगी के उंडुदा गांव की है। मृतक पिता का नाम चंद्रमोहन हेंब्रम (44) है। पिता की हत्या के दोनों आरोपी बेटों का नाम क्रमश: सुशील हेंब्रम (19) और कुश रंजन हेंब्रम (18) है।  

बेटों और बहुओं के साथ करता था मारपीट 

मिली खबर के मुताबिक मृतक चंद्रमोहन शराब का आदी था। उसके छह बेटे हैं। वो रोज ही शराब पीकर अपने बेटों के साथ गाली-गलौज और मारपीट तो करता ही था, साथ ही बहुओं के साथ उलझा करता था। चंद्रमोहन हेंब्रम की इस हरकत से उसे सभी बेटे परेशान थे। लाख समझाने बुझाने के बावजूद वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था। इसी से तंग आकर दोनों बेटों ने उसकी लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी। पूछने दोनों आरोपी बेटों ने बताया कि वे पिता को जान से नहीं मारना चाहते थे। दोनों बस पिता को सबक सिखाना चाहते थे। अनजाने में ही उनकी जान चली गयी। 

इस तरह हुई पिता की हत्या 
घटना के दिन यानी मंगलवार के दिन भी चंद्रमोहन हेंब्रम सुबह-सुबह शराब पीकर घर आया था। नशे में उसने बड़े बेटे सुशील हेंब्रम के सीथ मारपीट की। उस वक्त कुश रंजन भी घर में ही था। मारपीट के बाद दोनों भाई सुशील और रंजन हेंब्रम रोज की तरह खेत पर चले गये। बता दें कि अभी इलाके में धनकटनी का समय है। दोनों भाई जब खेत से शाम को घर लौटे तब भी चंद्रमोहन हेंब्रम नशे में था। लौटते ही उसने दोनों बेटों के साथ फिर से मारपीट और गाली-गलौज शुरू कर दिया। इससे दोनों भाई खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाये। उन्होंने चंद्रमोहन की लाठी-डंडे से पिटाई शुरू कर दी।

हत्या का नहीं था इरादा 

इस पिटाई से चंद्रमोहन के हाथ और पैर की हड़्डी टूट गयी। इससे दोनों बेटे घबरा गये। उन्होंने इसके लिए पिता से माफी मांगी और उनका प्राथमिक उपचार किया। दोनों से पिता से माफी मांगी। लेकिन आधी रात के लगभग गंभीर रूप से घायल हो चुके चंद्रमोहन हेंब्रम की मौत हो गयी। रंजन और सुशील ने ही इसकी जानकारी गांव के मुंडा मुखिया को दी। मुंडा ने मौत की सूचना कुमारडुंगी पुलिस को दी।  मिली खबर के मुताबिक पुलिस के पहुंचने तक दोनों आरोपी बेटे पिता की लाश के पास ही बैठे विलाप कर रहे थे। पुलिस को उन्होंने बताया कि पिता की जान लेने का उनका इरादा नहीं था। वो बस पिता को मारपीट करने से रोकना चाहते थे। पिता को उनकी गलती का एहसास दिलाना चाहते थे। 

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