झारखंड के गढ़वा जिले से एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। यहां नौनिहाल स्कूल जाने के लिए रोज अपनी जान जोखिम में डालते हैं। छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने के लिए रोज बरसाती नाला पार करते हैं। जो तस्वीर सामने आई है उनमें से अधिकांश बच्चे 10 वर्ष से भी कम उम्र के हैं। ऐसे में यदि कोई हादसा हो जाता है तो जिम्मेदार कौन होगा। मामला गढ़वा के रंका प्रखंड अंतर्गत सिरोई कला गांव का है।
प्रखंड मुख्यालय से 22 किमी दूर है सिरोई कला गांव
गढ़वा के रंका प्रखंड मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर है सिरोई कला गांव। सिरोई कला गांव के तकरीबन 40 बच्चे रोजाना स्कूल जाने के लिए एक बरसाती नाला पार करते हैं क्योंकि उनके गांव से स्कूल जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है। जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें देखा जा सकता है कि हाईस्कूल से लेकर प्राइमरी स्कूल तक के बच्चे बरसाती नाला पार कर रहे हैं। छोटी उम्र के बच्चों का हाथ उनके बड़े भाई या बहन ने थाम रखा है। कुछ बच्चे अपनी पेंट और स्कर्ट समेटकर संभलते हुए किसी प्रकार नाले के उस पार जा रहे हैं। यहां हमेशा दुर्घटना और अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
जनप्रतिनिधियों और प्रशासन ने मांग पर ध्यान नहीं दिया
ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सामने सड़क की मांग की जा चुकी है। आवेदन दिए गए हैं लेकिन, उनके कानों में जूं तक नहीं रेंगी। सड़क नहीं होने की वजह से बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होती है। मानसून में तो बच्चे स्कूल भी नहीं जाते।