भारत को पहली रैपिड ट्रेन (RAPIDX) की सौगात मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित वसुंधरा सेक्टर-8 में बने स्टेशन से ‘नमो भारत’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के शुभारंभ के साथ साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ने वाली रैपिडएक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। यह भारत की पहली रैपिडएक्स ट्रेन है, जिसे ‘नमो भारत (NaMo Bharat)’ के नाम से जाना जाएगा। उद्घाटन के बाद अब इस ट्रेन में 21 अक्टूबर से आम यात्री भी सफर का आनंद ले सकेंगे।

ट्रेन की खासियत 
रैपिड ट्रेन के उद्घाटन के बाद पीएम ने स्कूली बच्चों के साथ सफर भी किया। प्रधानमंत्री ने साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ने वाली रैपिडएक्स ट्रेन ‘नमो भारत’ में स्कूली बच्चों और चालक दल से बातचीत की। पहले फेज में दिल्ली-गाजायाबाद-मेरठ कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को शुरू किया गया है। इस ट्रेन में 21 अक्टूबर से आम यात्री भी सफर का आनंद ले सकेंगे। पहले फेज में दिल्ली- गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर 17 किमी की यात्रा की जा सकेगी। यह सफर 12 मिनट में तय की जा सकेगी। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर का 17 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता वाला खंड इसके उद्घाटन के एक दिन बाद 21 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 जबकि 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है। 

PMO की तरफ से दी गई जानकारी 
बता दें कि पीएम मोदी ने मार्च 2019 में दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर की नींव रखी थी। नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के जरिए देश में क्षेत्रीय संपर्क को बदलने की प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि के अनुसार यह प्रोजेक्ट विकसित की जा रही है। RRTS 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक नई रेल आधारित हाई स्पीड के साथ क्षेत्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान करने वाली सिस्टम है।  PMO ने बताया है कि यह एक परिवर्तनकारी क्षेत्रीय विकास पहल है, जिसमें अंतर शहरी आवागमन के लिए हर 15 मिनट में हाई स्पीड वाली ट्रेन उपलब्ध होगी और आवश्यकता के अनुसार यह हर पांच मिनट में भी उपलब्ध हो सकती है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल 8 RRIS कॉरिडोर की पहचान की गई है जिसमें पहले चरण में तीन गलियारों दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी- अलवर और दिल्ली-पानीपत के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी गई है। PMO ने बताया कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारा 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा है। यह गाजियाबाद, मुरादनगर तथा मोदीनगर शहरों के जरिए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा।

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