झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ द्वारा झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया। इससे पहले सांगठनिक कार्यक्रम के तहत सहायक अध्यापकों ने कांग्रेस कार्यालय के सामने अनशन किया था। सहायक अध्यापकों ने “वादा पूरा करो सरकार-सहायक अध्यापक आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत विरोध प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के बाद सहायक अध्यापकों ने राज्य सरकार के सामने 10 सूत्री मांग रखी है। इस मौके पर वित्तमंत्री से मुलाकात भी की।
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया
प्रदर्शन कर रहे सहायक अध्यापकों ने कहा कि चुनाव पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा मौजूदा सीएम हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि सहायक अध्यापकों को बिहार की तर्ज पर समान काम का समान वेतन के तहत वेतनमान और राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा। सहायक अध्यापकों को ईपीएफ का लाभ दिए जाने का वादा किया था लेकिन हेमंत कार्यकाल के 4 वर्ष बीतने के बावजूद वादा पूरा नहीं किया।
झामुमो महासचिव पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया
सहायक अध्यापकों ने मंगलवार को धरना प्रदर्शन के दौरान झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने का भी आरोप लगाया। आरोप लगाया कि बारिश से बचने के लिए केंद्रीय कार्यालय के भीतर बैठे सहायक अध्यापकों को बाहर निकाल दिया गया। झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ ने उक्त घटना की निंदा की। संघ की मांग है कि पार्टी महासचिव माफी मांगें। पारा शिक्षकों ने झामुमो महासचिव विनोद पांडेय का पुतला दहन करने की चेतावनी दी।
हेमंत सोरेन सरकार के सामने रखी 10 मांगें
मंगलवार को संघ का प्रतिनिधिमंडल वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव से मिला। वित्तमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सहायक अध्यापकों के ईपीएफ के लिए बजट में प्रावधान किया जाएगा। झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ ने धरना प्रदर्शन के बाद सरकार के सामने 10 सूत्री मांग रखी।
1- आकलन परीक्षा –
क) आकलन परीक्षा के प्रश्न पत्र के त्रुटिपूर्ण उत्तर का अंक सभी परीक्षार्थियों को दिया जाए।
ख)- राज्य के लापरवाह पदाधिकारियों के कारण 5000 सहायक अध्यापक आकलन परीक्षा से वंचित हो गए, वंचित एवं असफल सहायक अध्यापकों के लिए आकलन परीक्षा यथाशीघ्र आयोजित किया जाए।
ग)- आकलन परीक्षा के प्रश्न जेटेट और सीटेट से भी कठिन स्तर के थे। अत: आकलन परीक्षा में उत्तीर्ण सहायक अध्यापकों के मानदेय को बिना विलम्ब किये वर्त्तमान में टेट सफल सहायक अध्यापकों के मानदेय के समानान्तर किया जाय।
2- हेमन्त सरकार द्वारा चुनाव पूर्व एवं संविदा संवाद कार्यक्रम में घोषित वेतनमान के वादे को पूरा किया जाए।
3- बिहार के तर्ज पर झारखण्ड के सहायक अध्यापकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए।
4-माननीय दिवंगत शिक्षामंत्री के घोषणा अनुरूप सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2021 लागू होने के उपरांत मृत एवं सेवानिवृत्त सहायक अध्यापकों के परिवार को प्रावधान को लचीला कर अनुकम्पा का लाभ एवं कल्याण कोष मे जमा 10 करोड़ से 5 लाख का सहयोग दिया जाए।
5)सहायक अध्यापकों के साथ न्याय करते हुए आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका की तरह सेवानिवृत्त 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाए।
6) दिवंगत शिक्षामंत्री स्वर्गीय जगरनाथ महतो जी की घोषणा के अनुरूप EPF मार्च 2022 से तत्काल लागू किया जाए।
(7) सेवा पुस्तिका का संधारण किया जाए।
(8) नगर निगम एवं शहरी क्षेत्र में रहने वाले सहायक अध्यापकों के लिये उनके मानदेय में 4% वार्षिक वृद्धि हेतु स्पष्ट आदेश दिया जाए।
9- किसी मामले मे जेल गए सहायक अध्यापकों के बरी हो जाने के बावजूद उन्हें विद्यालय में योगदान करने से रोका जा रहा है। ये सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली का उल्लंघन है। कृपया योगदान कराने के निमित्त स्पष्ट निर्देश निर्गत किया जाए।
10) मेडिकल, अवैतनिक एवं अन्य अवकाश हेतु स्पष्ट निर्देश जारी किया और चिकित्सा अवकाश पर गए सहायक अध्यापकों के रोके गए मानदेय भुगतान अविलंब किया जाए ।