बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव की प्रताड़ना से जुड़े आठ साल पुराने मामले में सीबीआई ने बड़ा फैसला सुनाया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने शनिवार को झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुश्ताक अहमद (61), रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन (40) एवं उसकी मां कौशल रानी (90) को दोषी करार दिया है। अब 5 अक्टूबर को इस मामले में तीनों की सजा को लेकर सुनवाई होगी। दोषी पाए जाने के बाद तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया। तीनों पर तारा का उत्पीड़न करने और जबरन धर्म परिवर्तन समेत कई आरोप लगाए गए थे।
न्यूनतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान
अदालत ने आरोपी रंजीत सिंह कोहली को कब्जे में लेकर एक ही महिला के बार-बार उत्पीड़न समेत अन्य आरोप में दोषी करार दिया है। जबकि मुश्ताक अहमद एवं कौशल रानी को महिला के बार-बार उत्पीड़न की साजिश रचने के जुर्म समेत अन्य में दोषी करार दिया है। अदालत ने जिस जुर्म में दोषी पाया है उसमें न्यूनतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। जिसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है। सीबीआई के वरीय लोक अभियोजक प्रियांशु सिंह ने सुनवाई के दौरान कठोर से कठोर सजा का अनुरोध किया। जिसका विरोध बचाव पक्ष के वकील ने किया। अदालत ने 23 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 30 सितंबर को फैसले की तारीख निर्धारित की थी।
जानें क्या है मामला
बता दें कि रंजीत कोहली व तारा शाहदेव की कपटपूर्वक शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी। शादी के बाद से ही मारपीट एवं उत्पीड़न की घटनाएं होने लगी थीं। घटना को लेकर हिंदपीढ़ी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वहीं परिजन सीबीआई जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट गए। जहां सीबीआई जांच का आदेश दिया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में केस टेकओवर किया। सीबीआई ने 12 मई 2017 को तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। करीब छह साल चली लंबी सुनवाई के बाद शुक्रवार को फैसला आया।