-परवेज कुरैशी
रांची। चोर ,बदमाश, हत्यारा, ठग, दुष्कर्मी, नक्सली , माफिया, तस्कर न जाने ऐसे कितने अपराधों में संलिप्त रहने वाले आरोपियों को पुलिस पकड़ती है, गिरफ्तार करती है और जेल भेजती है । लेकिन जेल भेजने से पहले गिरफ्तार उन आरोपियों को पुलिस पत्रकारों के समक्ष ला कर घटना से जुड़ी जानकारी देते हैं। इस दौरान पकड़े गए आरोपी के साथ में पुलिस पदाधिकारी जो होते हैं वह सामने बैठे हुए होते हैं और इन अफसरों के पीछे काला कपड़ा से मुंह छिपाए हुए सीना ताने गिरफ्तार आरोपी खड़े हुए होते हैं । ऐसी तस्वीरें आपने कई बार संवाददाता सम्मेलन के दौरान देखी होगी। लेकिन संभवतः अब ऐसी तस्वीरें खासकर रांची जिला में देखने को नहीं मिलेगी ।
तब तक जब तक रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन सिन्हा रहेंगे तब तक। इसकी शुरुआत वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन सिन्हा ने 14 सितंबर 2023 को कांके थाना अंतर्गत ब्लॉक चौक पर अवधेश यादव को गोली मारी गई थी, जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गए थे , इस आरोप में करीब 12 लोग पकड़े गए थे । जिसमें मुख्य आरोपी चितरंजन की पत्नी, बेटा हर्ष सहित जो इस घटना से जुड़े हुए थे उन सभी को पुलिस पकड़ कर लाई जरूर थी , लेकिन कपड़े से चेहरा ढंक कर सबको अलग से तस्वीर खींच कर मीडिया को फोटो, वीडियो दिया गया और उसे कोर्ट में पेश कर दिया था।
इसके बाद सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने 25 सितंबर को पांच करोड़ के ठगी को सुखदेवनगर पंडरा ओपी से फरार आरोपी को राजस्थान उदयपुर सबिना थाना से गिरफ्तार कर जेल भेजा था,29 सितंबर को डेली मार्केट थाना क्षेत्र से 35 लाख लूट मामले में छह आरोपी को गिरफ्तार किया, 30 सितंबर को पंडरा ओपी से छह आरोपियों को गोली मारकर घायल करने के आरोप में जेल भेजा गया । लेकिन इन सभी आरोपियों के साथ किसी बड़े पुलिस पदाधिकारियों ने उन आरोपियों के साथ में तस्वीर नहीं खिंचवाकर एक नया संदेश देने का काम किया है। हालांकि कई बार तो बड़े अपराधों में संलिप्त गिरफ्तार आरोपियों के साथ फोटो खिंचवाने के लिए भी धक्का मुक्की के भी नौबत देखे जा चुके हैं।