कानपुर। किसानों को केन्द्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार गंभीर है। लेकिन कानपुर में हुई किसान की मौत मामले के आरोपित भाजपा नेता समेत अन्य आरोपितों को पुलिस अब तक नहीं पहुंच सकी। ऐसी स्थिति में सरकार की किरकिरी हो रही है। पुलिस आयुक्त डॉ.आर.के.स्वर्णकार का दावा है कि उसकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगी हुई है।
पुलिस आयुक्त कहना है कि चकेरी निवासी बाबू सिंह यादव 50 वर्ष की मौत मामले के आरोपितों की तलाश में आठ टीमें, 50 से अधिक पुलिसकर्मी और 10 से अधिक जिलों में छापेमारी की जा रही है। लेकिन अभी तक इतना रसूखदार भाजपा नेता आशु उर्फ प्रियरंजन दिवाकर अपने छिपने का ठिकाना कहां बनाया हुआ है। जहां कानपुर की पुलिस नहीं पहुंच पा रही हैं।
सोशल मीडिया में उसकी फोटो दोनों उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ वाली वायरल हो रही है। कहीं ऐसा तो नहीं सत्ता में पहुंच की वजह से कानपुर की पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है।
उल्लेखनीय है कि चकेरी गांव निवासी बाबू सिंह यादव (50) किसान थे। बाबू सिंह यादव ने 9 सितंबर को घर से चंद कदम की दूरी पर ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया था। चकेरी पुलिस ने जांच की तो उनके पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। किसान की पत्नी बिटान देवी ने बताया कि उनके पास इलाके के ही अहिरवा के मौजा में प्राइम लोकेशन पर साढ़े छह बीघा जमीन थी। जिसकी कीमत करोड़ों रुपए है। जिसका 18 मार्च, 2023 को चकेरी के भाजपा नेता आशु उर्फ प्रियरंजन दिवाकर से 6.5 करोड़ रुपए में सौदा हुआ था। जबकि जमीन की कीमत 10 करोड़ से अधिक है। इसके बाद भी आशु का लालच खत्म नहीं हुआ और आशु ने बोगस चेक देकर पूरी जमीन की रजिस्ट्री करवा ली और बाद में किसान से चेक भी छीन लिया।
किसान ने चकेरी थाने से लेकर पुलिस कमिश्नर दफ्तर के चक्कर काटे, न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन भाजपा नेता के रसूख के आगे कहीं भी सुनवाई नहीं हुई और अन्याय के आगे टूट गया और किसान ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। इस संबंध में चकेरी थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद से पुलिस भाजपा नेता समेत अन्य आरोपियों की तलाश में लगी है।