November 24, 2024

राजौरी। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बुधवार को कहा कि यूटी के विभिन्न हिस्सों से पाकिस्तान में शरण लेने के लिए भागे आतंकवादियों की संपत्तियां कुर्क की जा रही हैं और यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

राजौरी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा कि हमारे पास उन आतंकवादियों की एक सूची है जो जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी हैं और केंद्रशासित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय थे, लेकिन वह शरण लेने के लिए पाकिस्तान भाग गए हैं। उनकी संपत्तियां कुर्क की जा रही हैं और यह प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इन आतंकियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है क्योंकि ये एलओसी पार बैठकर आतंकवाद को बढ़ावा देते रहते हैं।

डीजीपी ने कहा कि उनके लिए कोई दया नहीं होगी। अगर उन्होंने वापस आने की कोशिश की तो उन्हें मार दिया जाएगा। ये लोग जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के पीछे है।

उन्होंने कहा कि राजौरी पुंछ रेंज में 9-12 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिनमें से अधिकांश विदेशी माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी है कि वे कुलगाम-शोपियां से राजौरी-पुंछ रेंज की ओर बढ़ रहे हैं। उनमें से तीन मारे गए हैं और अन्य की भी तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी जो शायद पहाड़ों से फिसल गया था, रियासी में मृत पाया गया। एक अन्य राजौरी मुठभेड़ में मारा गया और तीसरा रियासी मुठभेड़ में मारा गया जहां ऑपरेशन अभी भी जारी है।

राजौरी-पुंछ रेंज में सफल ऑपरेशन के लिए पुलिस, सेना और सीआरपीएफ सहित सुरक्षा बलों को बधाई देते हुए डीजीपी ने कहा कि शेष आतंकवादियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन जारी रहेगा। राजौरी-पुंछ जिलों में आतंकवाद के पुनर्जीवित होने पर डीजीपी ने कहा कि हम राजौरी-पुंछ रेंज में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए नियंत्रण रेखा के पार से प्रयासों की अनुमति नहीं देंगे।

डीजीपी ने कहा कि ग्राम रक्षा समितियां (वीडीसी) दिन-ब-दिन मजबूत हो रही हैं और वे आतंकवाद विरोधी अभियानों में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। घुसपैठ के प्रयासों के बारे में डीजीपी ने कहा कि सभी प्रमुख प्रयासों को नाकाम कर दिया गया है और हाल की समीक्षा बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया कि सीमा ग्रिड को और बढ़ाने के लिए सेना के साथ एलओसी पर कुछ बिंदुओं पर पुलिस भी तैनात की जाएगी।

उन्होंने कहा कि जब तक देश में बैठी एजेंसियां नशीले पदार्थों की खेप भेजना बंद नहीं करेंगी, चुनौती बनी रहेगी। लेकिन ड्रोन के माध्यम से किए गए प्रयासों को विफल कर दिया गया। कुछ सीमावर्ती निवासी हैं जो नशीले पदार्थों को लाने की साजिश का हिस्सा हैं। उनकी पहचान की जा रही है और उन्हें कार्रवाई का सामना करना पडेगा।

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