पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्ला (बाएं) और टीएलपी के डॉ. मोहम्मद शफीक अमीनी ने समझौते के बाद इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन कर पाकिस्तान बचाओ मार्च खत्म करने की घोषणा की। फोटो-सोशल मीडिया

लाहौर। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने आखिरकार तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सामने घुटने टेक दिए। सरकार ने ‘पाकिस्तान बचाओ मार्च’ का नेतृत्व कर रहे टीएलपी से समझौता करते हुए ईश निंदा के मामलों में आतंकवाद फैलाने की धारा जोड़ने का भी फैसला किया है। यह जानकारी स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में गुजरे कल दी गई। टीएलपी का यह मार्च 22 मई को कराची से शुरू हुआ था। समझौते के बाद लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर गुजरात जिले के सराय आलमगीर में मार्च को खत्म करने की घोषणा की गई। इसके बाद मार्च में शामिल लोग अपने ठिकानों की ओर लौट गए। मुल्क के गृहमंत्री राणा सनाउल्ला ने कहा है कि सरकार ने टीएलपी की सभी उचित मांगें मान ली हैं। इनमें ईश निंदा कानून को और प्रभावी बनाने की मांग भी शामिल है। सरकार और टीएलपी के बीच 12 बिंदुओं पर समझौता हुआ है। सरकार अब ईश निंदा के मामलों में धारा 295-सी के साथ आतंकवाद निरोधी अधिनियम की धारा भी लगाएगी। साथ ही ईश निंदा के मामलों का ट्रायल त्वरित गति से होगा। सरकार इंटरनेट मीडिया पर ईश निंदा से संबंधित कंटेट को भी फैलने से रोकेगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार टीएलपी की स्थिति के बारे में एक सार्वजनिक पत्र जारी करेगी। इस पत्र में टीएलपी के आतंकी संगठन न होने की सरकार घोषणा करेगी। उल्लेखनीय है कि टीएलपी को पूर्ववर्ती सरकार ने आतंकी संगठन घोषित किया था।

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