छत्तीसगढ़ । आतंक का पर्याय बना खूंखार नक्सली चलपति सुरक्षाबलों के साथ एनकाउंटर में मारा गया है. चलपति पर एक करोड़ का इनाम था और छत्तीसगढ़-ओडिशा के जंगल में उसकी दशकों से तूती बोल रही थी. यहां तक कि पुलिस भी कभी उसका सुराग तक नहीं लगा सकी. लेकिन एक गलती उसकी जिंदगी पर भारी पड़ी और पुलिस को ना सिर्फ पहली बार उसका हुलिया पता चला, बल्कि उस तक पहुंचने में भी मदद मिली. दरअसल, चलपति अपने मूवमेंट को लेकर हमेशा सावधान रहता था और दशकों तक सरकार के लिए एक पहेली बना रहा. लेकिन, पत्नी के साथ एक सेल्फी उसके लिए मुसीबत बन गई और यही सेल्फी उसकी जिंदगी पर भारी पड़ गई. इसी से पहली बार सरकार को चलपति का हुलिया पता चला. पत्नी के साथ वाली चलपति की ये सेल्फी जब सुरक्षा बलों के हाथ लगी तो उसके खिलाफ सर्च अभियान में बड़ी मददगार साबित हुई. चलपति के नाम से मशहूर रामचंद्र रेड्डी आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले का रहने वाला था. पुलिस रिकॉर्ड में उसके नाम प्रताप रेड्डी, रामचंद्र रेड्डी, अप्पाराव, चलपति, जयराम और रामू सामने आया है. पुलिस का कहना था कि चलपति ने 10वीं कक्षा तक शिक्षा हासिल की थी. चलपति मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ और ओडिशा में एक्टिव था. इन दोनों जगहों पर अब नक्सली गतिविधियां समाप्त हो गई हैं. पिछले कुछ वर्षों से चलपति छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दरभा में रहने लगा था. उसके घुटनों में समस्या आ गई थी, जिसकी वजह से वो ज्यादा चल-फिर नहीं पाता था. उसकी उम्र करीब 60  थी।

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