November 23, 2024

परवेज़ कुरैशी

रांची। झारखंड में लोकसभा चुनाव का प्रथम चरण का मतदान खुंटी, सिंहभूम, लोहरदगा में 13 मई को होगा। गर्मी भी यहां तेज पड़ रही है और चुनावी समीकरण के कारण यहां की राजनीति तपिश और भी बढ़ गई है। खासकर कांग्रेस खेमे में या तपिश देखी जा रही है। वहीं ऐसे भी कुछ गिने-चुने लोग हैं जो खुदको कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा से थोड़ा नाराज बताए जा रहे हैं। क्योंकि इनका कहना है कि झारखंड के 14 सीटों पर ऐसी कोई भी सीट जिस पर मुसलमान को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। लेकिन गोड्डा लोकसभा की सीट को पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को दिया जा सकता था, यह भी नहीं हुआ। खैर अब झारखंड के 14 लोकसभा के सीटों पर इंडिया गठबंधन ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दिया है। गोड्डा लोकसभा में पहले दीपिका पांडेय को कांग्रेस ने टिकट दिया था फिर वापस लेकर प्रदीप यादव को दे दिया इनका सीधे मुकाबले भाजपा के निशिकांत दुबे से होगा।

गोड्डा सीट मुसलमान को मिलता:

बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी खासकर वैसे लोग जो वर्तमान में अपनी अधूरी ज्ञान के बल पर विरोध कर रहे थे कि झारखंड में मुसलमानों को लोकसभा सीट के लिए एक भी टिकट नहीं दिया गया है। हालांकि इस पूरी राजनीति की गहराई में जाने की जरूरत है , लेकिन अभी तक जो बातें सामने आई है उन बातों से सभी लोग अनभिज्ञ थे। आज से 2 दिन पहले एक खास जगह पर कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने अपने कांग्रेस के कुछ सहयोगियों के साथ रांची लोकसभा के कुछ दिग्गज लोगों के साथ बैठक की थी, जिनका एक बहुत बड़ा वोट बैंक होता है, उन लोगों के साथ कि बैठक किया और लोकसभा सीटों पर चर्चा की गई । यहां बैठक में शामिल मुस्लिम संगठनों के लोगों ने यह सवाल उठाया था कि आखिर क्या वजहें हैं कि झारखंड में झामुमो ने किसी मुसलमान को सीट नहीं दिया और कांग्रेस भी इसमें पीछे रही, क्या उन्हें मुस्लिम उम्मीदवार नहीं देना चाहिए था। इन सवालों के जवाब में झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने बताया की रांची लोकसभा में सुबोध कांत सहाय और रामटल चौधरी की उम्र के वजह से टिकट उन्हें नहीं दिया गया और सुबोध कांत की बेटी यशस्विनी सहाय को टिकट दिया गया। इसी तरह से गोड्डा लोकसभा में पूर्व सांसद फुरकान अंसारी की उम्र को देखते हुए उनके बेटे इमरान अंसारी को कांग्रेस टिकट देना चाहती थी, कि इमरान ही गोड्डा लोकसभा चुनाव लड़े। लेकिन पिता फुरकान अंसारी इसमें सहमत नहीं हुए और ना ही भाई जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी सहमत हुए जिस कारण से यह टिकट दीपिका पांडेय को और बाद में फिर प्रदीप यादव को दिया गया। आप सारी गिले शिकवे को भूलकर कैसे गुड्डा लोकसभा की सीट सहित झारखंड की सभी सीटों में इंडिया महागठबंधन के उम्मीदवारों की जीत हो इस पर जोर लगाने की जरूरत है।

क्या कहा फुरकान और डॉ इरफान ने:

कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर की बातों में कितनी सच्चाई है यह जानने के लिए इमरान अंसारी के पिता पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी से बात चीत किया। जिसमें गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने कहा कि सच है कि कांग्रेस मेरे बेटे इमरान अंसारी को चुनाव लड़वाना चाहते थे, लेकिन इमरान इसके लिए तैयार नहीं था, किसी को जबरदस्ती चुनाव नहीं लगाया जा सकता है। इमरान लंदन से पढ़ाई करके लौटा है, अभी बीएड कालेज सहित अपना बिजनेस देख रहा है। जहां तक इरफान की बात है तो वह खुद जामताड़ा से विधायक हैं तो वह कैसे लोकसभा चुनाव लड़ते, इसलिए कांग्रेस आलाकमान को मेरे बारे में सोचना चाहिए था। अब जो हुआ सो हुआ अब आगे ऐसी गलती ना हो ऐसी उम्मीद करते हैं। वहीं जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी ने कहा कि मेरे भाई राजनीति में नहीं है तो उन्हें क्यों टिकट दिया जा रहा था। यदि किसी तरह की कहीं समस्याएं या मतभेद सामने आ रही थी तो मेरे पिताजी फुरकान अंसारी, मैं इरफान अंसारी को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर बैठाकर बातचीत कर लेते, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब कांग्रेस पार्टी और आला कमान का जो निर्णय होगा इस निर्णय के साथ आगे हम लोग काम करेंगे।

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