November 23, 2024

डायलिसिस करा रहे मरीजों को उपहार देकर हौसला आफजाई की गयी, इस मौके पर आयोजित निःशुल्क ओपीडी में उमड़ी लोगों की भीड़
लोगों को किडनी रोग को लेकर जागरूक करने के कार्यक्रम में नेफ्रोलाॅजी विभाग के डाॅ. अमित कुमार तथा डाॅ. विजय सिंह ने बीमारी के बारे में विस्तार से बताये

रांची : 14 मार्च 2024: मेदांता अब्दुर रज्जाक अंसारी मेमोरियल वीवर्स हॉस्पिटल, इरबा ओरमांझी, रांची में विश्व किडनी दिवस के अवसर पर गुरुवार को यहां डायलिसिस करा रहे मरीजों को पुरस्कार देकर उनकी हौसला आफजाई की गई। इस मौके पर निःशुल्क ओपीडी का आयोजन भी किया गया जिसमें भारी संख्या में लोग अपनी जांच कराने आये।
नेफ्रोलाॅजी विभाग के डाॅ. अमित कुमार ने बताया कि विश्व किडनी दिवस हर साल मार्च के महीने के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। इस बार के किडनी दिवस का थीम है ‘किडनी हेल्थ फाॅर आॅल’। इसका मतलब है सभी के लिए स्वस्थ किडनी। उन्होंने कहा कि किडनी रोग विश्व में तेजी से बढ़ रहा है और पूरे विश्व में 850 मिलियन लोग इससे पीड़ित हैं। किडनी की बीमारी का सही समय पर पता चल जाने से इसका इलाज हो सकता है। यदि किडनी में इंफेक्शन है या स्टोन है तो दवा या सर्जरी से इलाज संभव है, लेकिन इसके क्राॅनिक बन जाने पर डायलिसिस ही विकल्प बचता है। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग जैसी बीमारियों का प्रतिकूल असर किडनी पर भी पड़ता है। इसलिए इन बीमारियों का इलाज सही से करायेंगे तो किडनी पर इसका असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि डायलिसिस लेने वाले मरीज भी अगर खान-पान में पूर्णरूप से परहेज रखें तथा नियमित जीवनशैली अपना लें तो वह भी लंबा जीवन जी सकते हैं।
जागरूकता कार्यक्रम में लोगों को किडनी रोग से बचने के उपाय बताये गये तथा बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी दी गयी। डाॅ. विजय सिंह ने बताया कि अधिक शराब पीने, नमक का ज्यादा सेवन करने, धूम्रपान करने तथा ज्यादा साॅफ्ट ड्रिंक्स पीने, ज्यादा समय तक पेशाब रोकने, दर्द निवारक दवा का अधिक उपयोग करने से किडनी पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके अलावा ज्यादा चिंता और दबाव (स्ट्रेस) भी किडनी को प्रभावित करते हैं। बचाव की चर्चा करते हुए बताया गया कि इस रोग से बचाव के लिए खाने में सोडियम और प्रोटीन की मात्रा पर नियंत्रण रखें, रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी पीएं, फल और हरी सब्जियों का सेवन करें, ब्लड प्रेशर या फिर डायबिटीज जैसी बीमरियों का लक्षण दिखने पर हर छह महीने पर अपने पेशाब व खून की जांच कराएं। लक्षण के बारे में बताया गया कि पैरों और आंखों के नीचे सूजन, चलने पर सांस फूलना या थकान, रात में ज्यादा पेशाब लगना, भूख न लगना और खून की कमी से शरीर पीला पड़ने लगे तो इसे नजर अंदाज न करें और विशेषज्ञ डाॅक्टर से तुरंत परामर्श लें। उन्होंने बताया कि नमक की तरह चीनी का भी सेवन कम मात्रा में करें। इसी दौरान मेदांता रांची की आहार विशेषज्ञ डॉक्टर अलका आनंद ने भी लोगो को बैलेंस डाइट और लाइफस्टाइल इंप्रूवमेंट के बारे में परामर्श दिया।
इस अवसर पर हाॅस्पिटल के डायरेक्टर विश्वजीत कुमार ने बताया कि हमारे यहां किडनी रोग के इलाज के लिए सभी तरह की आत्याधुनिक मशीनें और सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि हम मरीजों को बेहतर से बेहतर सेवाएं देने को प्रतिबद्ध हैं और विभिन्न रोगों से बचाव के लिए हम अपने हाॅस्पिटल में कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक करते हैं।

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