मेदिनीनगर : दो दिवसीय राजकीय आदिवासी विकास महाकुम्भ मेला का आयोजन हरेक वर्ष की भांति हर्षोल्लास के साथ दुबियाखाड़ में किया गया। मेला का आयोजन पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग एवं राजा मेदिनीराय स्मृति न्यास सह मेला समिति की ओर से किया गया। मेला का उद्धघाटन उपायुक्त शशि रंजन, गढ़वा विधायक मिथिलेश कुमार ठाकुर, मनिका विधायक रामचंद्र सिंह और मेला समिति के सदस्यों ने संयुक्त रूप से दीपप्रज्वलन कर किया। मेला का समापन 12 फरवरी को होगा। मेला परिसर में पलामू जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों द्वारा स्टाल लगाकर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। गढ़वा विधायक मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि 1991 से यह मेला आयोजित किया जा रहा है। वर्षों से आदिवासी लोग इस मेले के माध्यम से अपनी संस्कृति अपनी सभ्यता की पहचान को बढ़ाने का काम कर रही है। इंदर सिंह नामधारी जी के प्रयास और हमारे सरकार की सक्रियता से यह संभव हो पाया है कि यह मेला राजकीय मेला का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि पलामू प्रमंडल के लोगों की भावनाओं को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने समझा और आदिवासियों के सपनों को पूरा करने का काम किया। आने वाले वर्षों में राजकीय मेला का परिदृश्य और बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि राजा मेदिनी राय की प्रतिमा शिवाजी मैदान में लगाई जाएगी। आदिवासियों को जगाने और आपकी पहचान दुनिया भर में पंहुचाने का काम हमारी सरकार कर रही है। मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेला की शुरुआत करने वालों ने काफी सराहनीय कार्य किया है। इस मेले को राजकीय मेला का दर्जा देने के कारण आदिवासी समाज आपको हमेशा सम्मान देने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज शुरुआत से ही काफी कष्ट का सामना करते आ रहे हैं। मेले के माध्यम से आदिवासियों को उनका हक, अधिकार देकर उनके सपनों का झारखंड बनाने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने मेला आयोजन की बेहतर तैयारी के लिए पलामू जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इसकी व्यापाक तैयारी में पदाधिकारियों की सराहनीय भूमिका रही है। पलामू उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि अगले वर्ष राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेला का राज्यभर में इसका व्यापक प्रचार- प्रसार किया जाएगा। सुदूरवर्ती गांवों और कस्बों में रह रहे आदिम जनजाति परिवारों तक प्रशासन पहुंचकर योजनाओं का लाभ दे रही है। इससे समाज के लोगों का उत्थान एवं बेहतर विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस मेले के माध्यम से स्टॉल लगाकर सरकार के विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है।मेला में मेदिनीराय स्मृति न्यास-सह- मेला समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए मेला के इतिहास से अवगत कराया। साथ में ही वनों में रह रहे लोगों को चिन्हित कर उन्हें वन पट्टा उपलब्ध कराने, मेला स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, आदिवासी छात्रावास का निर्माण करने आदि से संबंधित मांग रखी। मौके पर कलाकारों द्वारा आदिवासियों की भाषा संस्कृति एवं पहचान को प्रदर्शित आदिवासी नृत्य-संगीत प्रस्तुत किया गया। मौके पर पलामू जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न विभागों के स्टाल लगाए गए हैं।