जेएमएम ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के झारखंड दौरे को फ्लॉप बताते हुए आज तीखे हमले किये। इसके साथ ही मोर्चा ने ED की कार्रवाइयों को भी निशाने पर लिया। इस बाबत जेएमएम के महासचिव सह प्रवक्ता बाबुल सुप्रियो ने कहा कि नड्डा जहां भी जाते हैं, वहां बीजेपी की हार हो जाती है। वो जिस राज्य के हैं, वहां भी अपनी पार्टी को जीत नहीं दिला पाते। फिर झारखंड में उनका असर होगा, इसे समझा जा सकता है। कहा कि उनकी सभा में खाली पड़ी कुर्सियां ही कार्यक्रम की पोल खोलने के लिए काफी हैं।

कहा, बीजेपी के कार्यकर्ता ही सभा में नहीं आये 

सभा स्थल चयन के बारे में उन्होंने कहा कि नड्डा की सभा ऐसे स्थान पर की गयी जहां से तीन विधानसभा की सीमाएं मिलती हैं। कहा कि सभा स्थल हटिया विधानसभा क्षेत्र में था। यहां से कुछ दूरी पर रांची विधानसभा, कांके विधानसभा और खिजरी विधानसभा क्षेत्र हैं। फिर भी कुर्सियां खाली रह गयीं। इससे जाहिर होता है कि इन विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के अपेक्षित कार्यकर्ता भी अपने राष्ट्रीय अध्य़क्ष को सुनने के लिए सभा स्थल तक नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी की संकल्प सभा तो पहले ही फ्लॉप हो चुकी है, अब जनता ने बता दिया कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष की लोगों के बीच कितनी पहुंच है। कितनी लोकप्रियता है। उन्होंने कहा कि यह नड्डा के लिए कम और बाबूलाल के लिए अधिक अपमान की बात है। 

रघुवर दास पर क्या बोले 
सुप्रियो ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को ओडिशा का राज्यपाल बनाने पर कहा कि दरअसल बीजेपी अपने भ्रष्ट नेताओं को बचाने के लिए सेफ जोन की तलाश कर रही है। रघुवर दास को ओडिशा का राज्यपाल बनाना इसी कोशिश की एक कड़ी है। कहा कि रघुवर दास के खिलाफ भ्रस्टाचार के जो  मामले हैं, वो चलते रहेंगे। उनकी जांच पहले की तरह होती रहेगी। लेकिन जेएमएम राजनीति से प्रेरित होकर कोई कदम नहीं उठायेगा।

वहीं, सुप्रियो ने नड्डा से कई तीखे सवाल किये हैं और उनको चैलेंज करते हुए जवाब मांगे हैं। उन्होंने नड्डा से जो सवाल पूछे हैं उनमें कुछ ये हैं – 
1.    महिला, आदिवासी और दलित का दावा करने वाले जेपी नड्डा बताएं कि मणिपुर किस देश का प्रदेश है। वहां पर किसका शासन और प्रशासन है, इसके बावजूद आदिवासी महिलाओं के साथ जो हुआ वह क्या था। उनके प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और नड्डा जी इसके बारे में क्या कहते हैं। वे और उनके पीएम वहां अब तक क्यों नहीं गए हैं। 

2.    आदिवासी दलित की बात करने वाली बीजेपी यह बताएं कि पूर्व राष्ट्रपति दलित समुदाय से आते थे, तब देश के लोकतंत्र के मंदिर शिलान्यास में तत्कालीन राष्ट्रपति के कोविंद को क्यों नहीं बुलाया गया। जब इसी संसद भवन का उद्घाटन हो रहा था, तो वर्तमान आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुमूर् को क्यों नहीं बुलाया गया। 

3.    महिला सुरक्षा और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली पार्टी यह बताएं कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ाने वाली महिला पहलवानों ने जब आपके एक सांसद ब्रजभूषण सिंह पर यौन शौषण का आरोप लगाया, मुकदमा हुआ, इसके बावजूद उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। सांसद पर पार्टी ने कार्रवाई नहीं क्यों नहीं की। आरोपी सासंद क्यों पीएम के ईद-गिर्द चिपके फिरते हैं। 

4.    भ्रष्टाचार की बात करने वाले नड्डा साहब यह बताने का भी कष्ट करें कि योगेंद्र तिवारी ने जिनका-जिनका नाम लिया है, उनका नाम पार्टी अपनी ओर से कब सार्वजनिक करेगी। योगेंद्र तिवारी ने सुनील तिवारी के माध्यम से बाबूलाल को पैसा दिया या नहीं, इस पर पार्टी श्वेत पत्र जारी करे। 
5.    झारखंड में लैंड स्कैम की बात करने वाले जेपी नड्डा यह बताएं कि दुनिया का सबसे बड़ा लैंड स्कैम केंद्र सरकार ने अडाणी के माध्यम से किया। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की जमीन क्यों और किस आधार पर अडाणी को दे दी गयी। 

जेएमएम महासचिव ने ED की कार्रवाइयों पर भी उंगली उठायी। इस संबंध में भी उन्होंने जो सवाल किये वो इस प्रकार हैं –    
1.    सुप्रियो ने पूछा है कि नारायण राणे की संपत्ति ED ने भ्रष्ट्रचार के आरोप में जब्त कर ली। इसके बाद किस आधार पर उन्हें केंद्र में मंत्री बना दिया गया। 
2.    भ्रष्टाचार के आरोपी अजीत पवार, जिन पर करोड़ों रूपए की अनियमितता पर ED ने कार्रवाई की है उनकी संपत्ति भी जब्त हुई। लेकिन किस आधार पर उन्हें महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बना दिया गया है। 
3.    गुजरात विद्युत विभाग ने अडाणी पर 3000 करोड़ अधिक बिलिंग का आरोप लगाया है।  कोयला खरीदी गयी इंडिनोशिया से मगर बिलिंग ताईवान और अन्य जगह से हुई। यह पूरी तरह से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। सरकारी पैसों की हेरा-फेरी का मामला बनता है। इस पर ED ने क्या कारवाई की। 
4.    देश में कई ऐसे मामले भाजपा शासित राज्य और केंद्र सरकार में अनियमितता के हर दिन आ रहे हैं। लेकिन ED मौन धारण किए हुए है। झारखंड में भी यही हो रहा है, इसलिए अब ED की साख पर सवाल खड़ा हो गया है।

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