पलामू। पलामू टाइगर रिजर्व के उत्तरी प्रमंडल क्षेत्र में पिछले छह दिनों से बाघ की मौजूदगी है। रिजर्व प्रशासन की पड़ताल में बाघ के बाल, मल, पदचिह्न आदि मिले हैं। सभी के सैंपल ले लिए गए हैं। इस बीच बाघ द्वारा दो पालतू पशुओं का शिकार करने का भी मामला सामने आया है। दो ट्रेकर द्वारा बाघ को देखने का भी दावा किया गया है। हालांकि इस क्षेत्र में लगे 15 ट्रेपिंग कैमरों में बाघ की तस्वीर अब तक कैद नहीं हो पाई है।
गत 20 अक्टूबर को पीटीआर के उत्तरी प्रमंडल क्षेत्र में एक टाइगर का बाल, मल, पदचिन्ह आदि दिखा था। प्रबंधन सक्रिय हुआ और बाल के साथ-साथ मल और पदचिह्न के सैंपल लिए। 21 अक्टूबर को सूचना मिली कि बाघ ने इसी क्षेत्र में दो पालतू पशुओं का शिकार भी किया है। एक पशु सालखन किसान की थी। सालखन ने उपनिदेशक पीके जेना को जानकारी दी है कि उसकी एक गाय शिकार हो गई, लेकिन एक बाल बाल बच गई।
इधर, अनुमान लगाया जा रहा है कि यह बाघ छत्तीसगढ़ की ओर से आया है और अभी भी उत्तरी प्रमंडल क्षेत्र में ही विचरण कर रहा है।
पिछले वर्ष मार्च महीने में छत्तीसगढ़ के इलाके से ही बाघ पहुंचा था और करीब 7 से 8 दिन तक पलामू टाइगर रिजर्व में विचरण किया था। उसके बाद से अचानक से वह लुप्त हो गया था। दोनों के पद चिन्ह मिलने पर छोटा बड़ा साबित हुआ है। इससे स्पष्ट है कि दोनों बाघ अलग-अलग हैं।
एक बार फिर बाघ की मौजूदगी से पीटीआर प्रबंधन उत्साहित है, लेकिन उसकी तस्वीर हाथ नहीं लगने के कारण मायूस भी है। तस्वीर जुटाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।