दुमका। आदिवासी छात्र हत्याकांड को लेकर गुरुवार को कुरमाहाट हटिया परिसर में आहूत आदिवासी महापंचायत में संताल परगना के विभिन्न जिलों के अलावा धनबाद, गिरिडीह व बांका बिहार से बड़ी संख्या में आदिवासियों का महाजुटान हुआ। महापंचायत की शुरुआत मृतक छात्र के लिए दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि देकर हुई।
महापंचायत में जूते आदिवासी बुद्धिजीवियों ने एक स्वर में घटना पर विरोध जताते हुए अबतक की पुलिस कार्यवाही को सिर्फ लीपापोती बताया। इस दौरान मौजूद लोगों ने अपने अपने विचार को रखते हुए कहा की झारखण्ड अलग होने के बाद उन्हें लगा था की अब आदिवासी समाज का उत्थान होगा लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लगातार आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है। कहीं बलात्कार तो कहीं आदिवासी की हत्या अब आम बात हो गई है इसलिए समाज के लोगों को अब सड़क पर उतर अपना हक लेना होगा। ज्ञात हो की रविवार की देर शाम छात्र आनंद लाल सोरेन की हत्या लाठी से पीटकर इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि उसकी बाईक अभियुक्तों की भैंस से टकरा गई थी। मामलें में एक अभियुक्त ने न्यायलय में समर्पण कर दिया है। पंचायत में आक्रोषित लोगों ने मुख्यमंत्री, स्थानीय सांसद, स्थानीय विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आदिवासी महापंचायत में बड़ी संख्या में विभिन्न जिलों के छात्र भी पहुंचे थे। छात्रनेता ष्यामदेव हेम्ब्रम, राजीव बास्की, बिमल मरांडी आदि मौजूद रहे।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर इस हत्याकांड को लेकर एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी मामलें के एक एक बिंदुओं पर जाँच करेंगी। घटना में संलिप्त किसी भी अभियुक्त को नहीं छोड़ा जायेगा। 24 घंटे के अंदर सभी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।