झारखंड में शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने शराब माफिया योगेंद्र तिवारी को गुरुवार की शाम गिरफ्तार किया है। ईडी उससे आज से रिमांड पर पूछताछ करेगी। अब तक की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। ईडी की तरफ से कोर्ट को बताया गया है कि योगेंद्र तिवारी ने बड़े अधिकारियों, राजनेताओं और पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश की मदद से वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य में शराब के व्यापार पर कब्जा जमाया है। उसने अपने कर्मचारियों के नाम पर कंपनी बना कर शराब का ठेका लिया था। जिसका पूरा नियंत्रण खुद उसके पास था। योगेंद्र ईडी की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए था, इसी वजह से उसने छापेमारी से पहले ही सारे कागजात हटवा दिए थे। वह बालू का भी अवैध धंधा कर रहा था, जिससे उसने स्टॉक लाइसेंस में निर्धारित सीमा से अधिक प्रतिमाह 65000 टन बालू उठवाया।
कर्मचारियों के नाम पर खोले थे खाते
शुक्रवार को ईडी कोर्ट में विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत में इन तथ्यों के बारे में बताया गया। योगेंद्र तिवारी को आठ दिनों की रिमांड पर भेजा गया है। रिमांड की अवधि 21 अक्तूबर यानि आज से शुरू होगी। ईडी ने जांच में पता किया है कि कर्मचारियों के नाम पर खोले गये बैंक खाते और कंपनियों पर पूरी तरह तिवारी बंधुओं का नियंत्रण है। योगेंद्र तिवारी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में अपनी और अपने कर्मचारियों के नाम पर बनी कंपनियों के नाम पर शराब के थोक व्यापार का ठेका हासिल किया।
ई-मेल डिलीट कर दिया है तिवारी ने
प्रभात खबर अखबार में छपी खबर के मुताबिक जांच में यह पाया गया कि ई-मेल आइडी akeshrica@gmail.com और deoghar123@gmail.com से बालू व अन्य व्यापारिक गतिविधियों से संबंधित फाइलें सीए अजय केसरी को भेजी गयीं। योगेंद्र तिवारी ने ई-मेल आइडी mihijam.123@gmail.co और mihijam@gmail.com सहित कुछ अन्य ई- मेल को डिलीट कर दिया है। लेकिन इस तरह के ई-मेल के सिलसिले में योगेंद्र ने किसी तरह की जानकारी नहीं दी है। हालांकि तिवारी के व्यापार से जुड़े दूसरे लोगों ने यह स्वीकार किया है कि संबंधित ई-मेल का इस्तेमाल योगेंद्र तिवारी द्वारा इस्तेमाल किया किया जाता है. ई-मेल आइडी amytsiyogendr1@gmail.com का इस्तेमाल भी योगेंद्र तिवारी ही अपनी व्यापारिक गतिविधियों से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए करता था। लेकिन वह अब इसे स्वीकार नहीं कर रहा है।
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