पटना
बिहार में जातीय सर्वे के आंकड़े इन दिनों राजनीतिक बहस के केंद्र में हैं। इस बीच सीएम नीतीश कुमार ने एक अहम बयान दिया है। कहा है कि जातीय सर्वे से निकल कर आये आंकड़ों क बिहार विधानमंडल के पटल पर रखा जायेगा। और सभी दलों की सहमति से जो रास्ता सही होगा, उसी पर आगे बढ़ा जायेगा। नीतीश ने इस दौरान भाजपा के आरोपों का झूठा बताया और कहा कि भाजपा का काम ही है लोगों के बीच भ्रम पैदा करना और गलत बातों का प्रचार करना। जदयू ने अब भाजपा की बातों पर ध्यान देना बंद कर दिया है। इसी क्रम में नीतीश ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधऱी को भी घेरे में लिया।
विवाद को बताया निराधार
सीएम नीतीश कुमार बुधवार को पत्रकरों से बात कर रहे थे। उन्होंने जातीय सर्वे के विवाद को निराधार बताते हुए कहा कि जो लोग बिहार का सर्वांगीण विकास नहीं चाहते हैं, वही इस सर्वे को लेकर विवाद को हवा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जातीय सर्वे से जुड़ी तमाम रिपोर्ट्स को विधानमंडल में पेश करने वाली है। सभी दलों से विमर्श के बाद ही इस दिशा में सरकार आगे काम करेगी। इसी दौरान उन्होंने भाजपा को टारगेट करते हुए कहा, भाजपा का मकसद बन बन गया है, किसी भी काम की आलोचना करना। इसलिए भाजपा को अब बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है।
कहा, भाजपा का काम ही है आलोचना करना
सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि चौधरी के अनुसार हमने ये रिपोर्ट लालू प्रसाद के दबाव में तैयार करायी है। गौरतलब है कि सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर जातीय जनगणना की मदद से तुष्टिकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया है। इन दोनों सवालों पर बोलते हुए सीएम ने साफ किया कि आप किसके बारे में क्या बयान दे रहे हैं, ये भी जरा सोचिये। उन्होंने सीधे सम्राट चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव ने उनके लिए क्या किया है, इस बात को सभी जानते हैं। कम आयु में उनको एमएलसी बनाया। उनके पिता को सम्मान दिया। लेकिन वो बार बार पार्टी बदलते रहे हैं। सीएम नीतीश ने कहा कि भाजपा उसी को तरजीह देती है जो मेरे बारे में अनर्गल बातें करे।
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