– कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय मुरहू में विधिक जागरुकता शिविर
खूंटी, 8 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली और झालसा रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार खूंटी के तत्वावधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष सत्य प्रकाश के मार्गदर्शन में रविवार को कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय मुरहू में 100 दिवसीय बच्चों के हित संबंधित विशेष विधिक जागरूकता और सहायता अभियान के तहत कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
विद्यालय की छात्राओं को संबोधित करते हुए डालसा सचिव मनोरंजन कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम 17 नवंबर से शुरू हुआ है और 25 दिसंबर तक लगातार चलेगा। यह कार्यक्रम खास कर दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में रहनेवाले बच्चे और उनके अभिभावकों को जागरूक करने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने बच्चों की तस्करी, शिक्षा का अधिकार, बाल विवाह पर रोक, पोक्सो एक्ट, किशोर न्याय बोर्ड, डायन प्रथा आदि विषयों पर बच्चियों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य लाभ से जोड़ना होगा, ताकि भविष्य में बच्चे किसी अपराध में शामिल न हों क्योंकि बच्चे ही राष्ट्र के भविष्य हैं। अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी दिनेश बाउरी ने कस्तूरबा विद्यालय की बच्चियों को संविधान के बारे में जानकारी दी और डालसा से मिलने वाले निःशुल्क न्याय के बारे में बताया।
डीएलएसए की डिप्टी चीफ नम्रता कुमारी ने कहा कि खूंटी जिला चाइल्ड ट्रैफिकिंग से प्रभावित है और हम सब का दायित्व है कि जागरूकता और कानून के भय से इसे रोकें। यह अभियान बच्चों के संरक्षण और संवर्धन तथा भविष्य निर्माण में बड़ी भूमिका निर्वाह करेगा। कार्यक्रम में डालसा के पैनल अधिवक्ता मदन मोहन राम ने कहा कि बच्चियों और महिलाओं से आए दिन होनेवाले दुर्व्यवहार और अनैतिक घटनाओं से अपने आप को रक्षा करने के लिए सबसे पहले आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है।