रांची:

झारखंड में एकमात्र एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर बालू की कालाबाजारी में लिप्त होने का आरोप लगाया है। रांची में मीडिया से मुखातिब कमलेश सिंह ने कहा कि बालू की कालाबाजारी में स्थानीय प्रशासन से लेकर बड़े अधिकारी तक शामिल हैं। यहां तक कि इसे सरकारी संरक्षण भी मिला हुआ है। कमलेश सिंह ने दावा किया कि पलामू सहित आसपास के इलाकों से रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टरों के जरिए बालू की ढुलाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को बालू नहीं मिल रहा और माफिया रोज 4-5 हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर बालू की नीलामी करता है। उन्होंने आंदोलन की भी चेतावनी दे डाली।

सरकारी राजस्व का नुकसान होता है
एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि सरकार ने बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं कि जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है। निर्माण कार्य प्रभावित हैं। पीएम आवास योजना के लाभुक बालू की किल्लत की वजह से मकान नहीं बनवा पाते और अधिकारी एफआईआर की धमकी देते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने इस वर्ष मार्च ओर अगस्त में विधानसभा में मामला उठाया था। उन्होंने कहा कि यदि बालू की किल्लत का समाधान नहीं किया गया तो याचना नहीं बल्कि रण होगा।

गरीबों को वक्त का राशन नहीं मिलता है
विधायक कमलेश सिंह ने राज्य में बेरोजगारी और कृषि संकट पर भी बात कही। कहा कि बेरोजगार युवा त्रस्त हैं। सिंचाई के अभाव में खेत में खड़ी फसल सूख रही है। गरीबों को वक्त पर राशन नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका सहित अन्य संविदाकर्मियों की समस्या का स्थायी समाधान हेमंत सरकार नहीं ढूंढ़ पाई है। उन्होंने कहा कि 2024 में जनता जवाब देगी। 

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