केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आकांक्षी जिला योजना के तर्ज पर आकांक्षी प्रखंड योजना की शुरुआत की है। इसके तहत झारखंड के 500 प्रखंडों का चुनाव किया गया है। इन प्रखंडों में विकास के लिए कुछ खास कदम उठाये जायेंगे। यहां चलायी जाने वाली योजनाओं का संचालन भी केंद्र सरकार करेगी। इसकी सूचना झारखंड सरकार दे दी गयी है। साथ ही झारखंड सरकार को चुने गये 500 आकांक्षी प्रखंडों की सूची भी दिल्ली से प्रेषित की गयी है। इस सूची में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यहां कौन सी विकास योजनाएं शुरू की जायेंगी। बता दें कि आकाक्षी प्रखंडों को राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का भी लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा। दूसरे शब्दों में आकांक्षी प्रखंडों का विकास अब दोगुनी गति से होगा। जानकारों का ऐसा मानना है।
सभी प्रखंडों में होंगे एक – एक समन्वयक
मिली खबर के मुताबिक आकांक्षी प्रखंड में स्वास्थ्य और पोषण की योजनाओं पर खास फोकस होगा। साथ ही खेत-किसानी और शिक्षा पर जोर दिया जाना है। सामाजिक विकास को बढ़ावा देना इसकी अगली प्राथमिकता में शामिल होगा। इन कार्यों के सफल संचालन के लिए सभी आकांक्षी प्रखंडों में समन्वयक बहाल किये जायेंगे। आकांक्षी प्रखंडों के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार को एक नियत राशि भी देगी। इन सभी क्षेत्रों में प्रदर्शन के आधार पर अंक भी दिये जायेंगे।
ये हैं झारखंड के आकांक्षी प्रखंड
रांची- मांडर, पलामू- हरिहरगंज, गढ़वा- मझिगांव, दुमका- रामगढ़, जरमुंडी, प सिंहभूम गुडरी- मुसाबनी, टोंटो, गुमला- डुमरी, हजारीबाग- चौपारण, कटकमदाग, गिरिडीह- जमुआ, सरायकेला-खरसांवा- कुकरू गम्हरिया, सरायकेला, साहिबगंज- मंडरो, जामताड़ा- फतेहपुर, करमाटांड़ विद्यासागर, पाकुड़- लिट्टीपाड़ा, रामगढ़- पतरातू, कोडरमा- जयनगर, मरकच्चो, धनबाद- गोविंदपुर, देवघर- देवीपुर, सारवां, कारवां, बोकारो- गोमिया, लातेहार- महुआडांड़, सिमडेगा- बांसजोर, लोहरदगा- किस्कों, खूंटी- कर्रा, चतरा- मयूरहंड।
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