रिम्स से आये दिन लड़ाई झगड़े की खबर सामने आती रहती है। कभी हॉस्टल में स्टूडेंट की आपस में लड़ाई हो जाती है।  तो कभी डॉक्टरों। फिलहाल तो जूनियर चिकित्सकों की गुंडागर्दी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अक्सर मरीज और उनके परिजन जूनियर चिकित्सकों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हैं। फिर एक मामला सामने आया है। जिसमें मरीज के परिजन ने आरोप लगाया है कि रिम्स के ट्रॉमा सेंटर के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने परिजनों के साथ बदसलूकी की है। मारपीट की एक और घटना बुधवार को हुई। देर शाम इमरजेंसी में इलाज में के लिए आए एक गंभीर वृद्ध रोगी बसंत यादव व परिजनों को जूनियर डॉक्टरों ने जमकर पीटा। बसंत को अचेत अवस्था में रिम्स की इमरजेंसी वार्ड में लाया गया था। इमरजेंसी में भर्ती करने के बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने एबीजी जांच करने के लिए कहा। 

इसके बाद मुकेश व उनके भाई एबीजी टेस्ट कराने के लिए काउंटर नंबर चार पर गये। वहां तैनात महिला चिकित्सकों ने उन्हें एक पेपर की 100 कॉपी फोटो कॉपी कराकर लाने के लिए कह दिया। परिजन ने कहा बारिश हो रही है अभी नहीं जा सकूंका। इसके बाद परिजनों का आरोप है डॉक्टर ने बेवजह डांटना शुरू कर दिया। परिजनों ने इसका वीडियो बनाना शुरू किया तो मामले ने और तूल पकड़ लिया। परिजन राजेश यादव ने आरोप लगाया कि इसके बाद करीब 8-10 डॉक्टर ने ट्रॉमा सेंटर में एक कमरे में बंद कर उनके भाई मुकेश के साथ मारपीट की जिससे उसका हाथ टूट गया है। 

क्या कहा सीनियर ने 

वहीं रिम्स के पीआरो डॉ राजीव रंजन ने कहा है कि मरीज के परिजनों के साथ किसी बात को लेकर गलतफहमी हुई थी। थोड़ी झड़प दोनों ओर से हुई है लेकिन मरीज को निकालना और इलाज नहीं करने की बात गलत है। परिजन खुद मरीज को ले गए हैं

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