झारखंड में 26001 पदों पर सहायक आचार्यों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। झारखंड हाईकोर्ट ने नियुक्ति विज्ञापन पर लगी रोक हटा ली है। गुरुवार को कोर्ट ने संसोधित आदेश पारित कर नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक हटा दी। हाईकोर्ट ने संशोधित फैसलों में झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग को याचिका दाखिल करने वाले पार्थियों के लिए 100 सीटें रिजर्व रखने का निर्दश दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले नियुक्ति में पारा शिक्षकों को 50 फीसदी आरक्षण दिए जाने को चुनौती देने वाली बहादुर महतो की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विज्ञापन पर रोक लगाई थी।
गौरतलब है कि इससे पहले सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने हाईकोर्ट से सहायक आचार्य नियुक्ति विज्ञापन पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया था।
बीआरपी-सीआरपी संविदाकर्मियों की मांग
दरअसल, बहादुर महतो एवं अन्य द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया था कि पहले टीचर नियुक्ति प्रक्रिया में बीआरपी-सीआरपी संविदाकर्मियों को भी आरक्षण दिया गया था लेकिन 2023 की नियुक्ति नियमावली में इसे हटा लिया गया। कोर्ट ने मामले में झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) को प्रतिवादी बनाकर नोटिस जारी किया था। मामले में राज्य की हेमंत सोरेन सरकार, झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल से भी जवाब मांगा गया था।
झारखंड में 26001 पद पर सहायक आचार्यों की नियुक्ति
बता दें कि झारखंड में 26001 पद पर सहायक आचार्यों की नियुक्ति होनी है। पारा शिक्षकों को इसमें 50 फीसदी आरक्षण दिया गया है। हालांकि इसमें विवाद सीटेट को लेकर भी है। दरअसल, राज्य में 2016 के बाद से टेट की परीक्षा नहीं ली गई है। ऐसे में 2016 के बाद बीएड या डीएलएड की डिग्री हासिल करने वाले तकरीबन 2 लाख युवा नियुक्ति प्रक्रिया में हिस्सा लेने से वंचित रह जाएंगे।
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