November 23, 2024

कानपुर, 03 अक्टूबर(हि.स.)। पोस्टमार्टम हाउस पर मंगलवार को मृत युवक के दोनों पैर गायब होने का मामला सामने आया। यह जानकारी होते ही परिवार के लोगों ने हंगामा किया और आरोप लगाया कि हैलट अस्पताल के डाक्टरों ने सोमवार को कमरे के अन्दर जबरन सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिया। हालांकि मुख्य चिकित्साधिकारी कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

संजय नगर कैंट निवासी रिक्शा चालक जगदीश यादव का 18 वर्षीय बेटा हर्ष यादव सोमवार की रात चुंगी रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन की चपेट में आ गया था। उसके दोनों पैर मौके पर कट गए थे। परिजनों को सूचना मिली वह भी पहुंचे, तो वहां पर पुलिस पहले से मौजूद थी। परिजन पुलिस के साथ उसे उपचार के लिए तत्काल हैलट अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी कुछ देर बाद मौत हो गई। हैलट के डाक्टरों ने शव को तत्काल पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया, जहां मंगलवार दोपहर परिवार के लोगों ने शव देखा तो उसके दोनों पैर नहीं मिले। यह देखते ही परिवार के लोग हंगामा करने लगे।

परिवार के सदस्यों का कहना है कि पुलिस के साथ हर्ष को एम्बुलेंस में रखकर और उसके दोनों पर एक पॉलीथिन में पैक करके हैलट अस्पताल आ गए। यहां पर परिजनों ने उन पैरों को डॉक्टर के हवाले कर दिया। थोड़ी देर बाद हर्ष की मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टरों ने बिना बताए शव को सील कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जब परिजन पोस्टमार्टम पहुंचे तो वहां पर उसके पैर नहीं थे।

मृतक के बहनोई रविंद्र कुमार ने कहना कि सोमवार रात में हर्ष यादव को डॉ. संजय कुमार के देखरेख में भर्ती कराया गया था। सुबह जब हम लोगों ने पोस्टमार्टम में पैर नहीं देखे, तो वापस हैलट अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर से पूछा तो पहले तो डॉक्टर एक दूसरे पर बात डालते रहे। जब हंगामा शुरू किया, तो वार्ड में मौजूद अहमद अली नाम के युवक ने मारपीट करने की धमकी दी। अस्पताल से चले जाने को कहा।

गायब पैर की शुरू हुई खोजबीन

हैलट अस्पताल के आकस्मिक चिकित्साधिकारी डॉ. अनुराग राजोरिया ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उनको पता चला कि जिस डॉक्टर के अंडर में मरीज भर्ती हुए था उस डॉक्टर ने पैरों को डिस्पैच करने के लिए नर्स को हैंडओवर किया था। किस नर्स को हैंडओवर किया गया है, यह कोई नहीं बता पाया।

मुख्य चिकित्साधिकारी आलोक रंजन ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस में शव जिस स्थिति में आता है उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करके संबंधित थाने को सील बंद लिफाफे में भेज दी जाती है। आगे की कार्रवाई पुलिस विभाग की जिम्मेदारी है।

हैलट के मुख्य चिकित्साधिक्षक डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि मामले का जांच की जा रही है। इसमें जो भी दोषी होगा। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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