अमुमन बच्चे के पैदा होने पर लोग पार्टी करते हैं, उपहार लेते और देते हैं। लेकिन झारखंड में एक गांव ऐसा भी है, जहां बच्चे के पैदा होने पर लोग पेड़ लगाते हैं। औऱ इसके लिए बकायदा कुछ नियम भी बने हैं। जैसे बेटा होने पर पांच पेड़ तो बेटी होने पर छह पेड़ लगाने का नियम है। और अब ये नियम गांव की परंपरा में शामिल हो गया है। बता दें कि ये गांव चतरा जिले के गिद्धौर प्रखंड में है और इसका नाम सिंदुआरी है। गांव के लोग ये पौधाऱोपण गांव से बाहर वन भूमि पर करते हैं। गांव के लोग बताते हैं कि 2007 में इस परंपरा की शुरुआत सुरेंद्र दांगी नाम के ग्रामीण ने की थी। वन भूमि की ये जमीन पहले बंजर हुआ करती थी। लेकिन अब 75 हेक्टेयर के इस प्लाट में चारों ओर हरियाली दिखाई देती है। इससे गांव का पर्यावरण भी पहले से काफी संतुलित हो गया है। यही नहीं इस गांव के लोग पेड़ लगाने की परंपरा का पालन करने के लिए आसपास के गांवों को भी उत्साहित कर रहे हैं। 

पेड़ों की रक्षा के लिए उठाये गये हैं ये कदम 
सिंदुआरी गांव के लोग पेड़ लगाने की इस परंपरा के प्रति इतने सचेत हैं कि उन्होंने पेड़ों की रक्षा का भी बी़ड़ा उठा रखा है। इसके तहत कुछ सख्त नियम बनाये गये हैं। जैसे पेड़ काटने की इजाजत यहां नहीं है। अगर कोई ऐसा करता है तो गांव में बकायदा पंचायत बैठती है। और अपराधी को दंड दिया जाता है। जो कभी शारीरिक होता है तो कभी आर्थिक। तो कभी ये दोनों। यही नहीं वन भूमि के इस प्लाट से मोरम और पत्थर ले जाने पर गांव के लोगों ने पाबंदी लगा रखी है। रक्षाबंधन के दिन इन पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा भी विकसित हो गयी है। वहीं, पेड़ लगाने के लिए सिंदुआरी के ग्रामीणों को वन विभाग पौधे उपलब्ध कराता है। वन विभाग के अधिकारी इस बेहतरीन काम के लिए कई गांव वालों को सम्मानित कर चुके हैं।    

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