सिमडेगा जिले के पाकरटांड़ प्रखंड के गांव में विकास कोसों दूर तक नजर नहीं आती। यहां का स्वास्थ्य सिस्टम खटिया पर चल रहा है। गांव में पक्की तो छोड़िए, ढंग की कच्ची सड़क भी नहीं है। सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीण खाट में लादकर मरीज को सड़क तक पहुंचाते हैं। शनिवार को भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला। दरअसल पाकरटांड़ पंचायत के दो गांवों में ग्रामीण बीमार मरीज को खाट में लादकर सड़क ले जा रहे थे। बेबस ग्रामीणों सिस्टम को कोसने के अलावा और कुछ कर भी नहीं सकते थे। उनका कहना था कि सरकार विकास के दंभ भरती है लेकिन वह धरातल पर नजर नहीं आता। 

खटिया पर लादकर ले जाने को विवश थे 
पूरी घटना के बारे में बताया जा रहा है कि कुसकेला पंचायत के सरलोंगा कुईटोली गांव में वाल्टर सोरेंग नामक एक मरीज को ग्रामीण खाट के सहारे सड़क तक लाए। इसके बाद उसे निजी वाहन के सहारे सदर अस्पताल तक ले जाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार की सुबह काफी बारिश हो रही थी। इसी बीच वाल्टर की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी। परिजनों ने वाल्टर को अस्पताल ले जाना चाहा। लेकिन सड़क नहीं होने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई। इसके बाद ग्रामीणों ने खटिया में मरीज वाल्टर का रखा। साथ ही खटिया के उपर प्लास्टिक के तिरपाल से ढक कर किसी तरह मरीज को बारिश से बचाते हुए सड़क तक पहुंचे।

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