रांची। खान मंत्री रहने के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परिवार वालों और रिश्तेदारों के नाम माइनिंग लीज आवंटित की थी। इस मामले को लेकर बुधवार को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ठीक इसी तरह की एक याचिका शिव शंकर शर्मा की ओर से दायर की गयी थी। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। ऐसे में इस याचिका में भी कुछ नया नहीं है।

प्रार्थी ने बताया – अलग है मामला
दरअसल परिवार वालों और रिश्तेदारों के नाम माइनिंग लीज आवंटित किए जाने को लेकर अधिवक्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट सुनील महतो की ओर से याचिका दायर की गयी है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विशाल कुमार ने पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया कि यह मामला एकदम अलग है। इसके तथ्य शिव शंकर शर्मा मामले से अलग है। प्रार्थी सुनील महतो की ओर से कहा गया कि वे शिव शंकर शर्मा और इस मामले में कैसे अंतर है, इसका ब्यौरा देना चाहते हैं। इस पर कोर्ट ने प्रार्थी को पूरक शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। इसके बाद इस मामले की सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर निर्धारित की है।

क्या है लीज आवंटन मामला
दायर याचिका के अनुसार खान विभाग के मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर माइनिंग लीज का आवंटन कराया है। वहीं, हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन व उनकी बहन सरला मुर्मू की कंपनी सोहराई लाइवस्टोक प्राइवेट लिमिटेड के नाम चान्हो के बरहे औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ जमीन आवंटित किया गया। सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू व सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र को भी खनन लीज आवंटित हुआ है।

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