Maharashtra NCP: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बदलाव के बाद अब महाराष्ट्र इकाई में भी बदलाव हो सकता है. एनसीपी नेता अजीत पवार के निवास स्थान पर पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में अब तक दिलीप वालसे पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, दौलत दोराडा जैसे नेता पहुंचे हैं. सूत्रों के मुताबिक बैठक में शामिल सभी विधायकों ने एक सुर में मांग की की है कि अजित पवार को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाए. अजित पवार ने कुछ दिनों पहले प्रदेश अध्यक्ष बनने की इच्छा व्यक्त की थी. सूत्रों की मानें तो अजित पवार पार्टी के मुखिया शरद पवार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या सीनियर पवार अपने भतीजे की बात मानेंगे?
नेता प्रतिपक्ष नहीं रहना चाहते हैं अजित पवार
बीते दिनों अजित पवार ने ये बयान दिया था कि, उन्हें नेता विपक्ष के पद पर बने रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है. अगर पार्टी में उन्हें कोई नई जिम्मेदारी दी जाती है तो वह उसे बखूबी निभाएंगे, जिसके बाद महाराष्ट्र के भीतर पार्टी नेतृत्व में बदलाव की चर्चा होने लगी है. फिलहाल जयंत पाटिल एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी बीते 5 सालों से संभाल रहे हैं.
अजित पवार के घर पहुंचे ये नेता
दिलीप वलसे पाटील
हसन मुश्रीफ
छगन भुजबल
किरण लहमाटे
निलेश लंके
धनंजय मुंडे
रामराजे निंबालकर
दौलत दरोडा
मकरंद पाटील
अनुल बेणके
सुनिल टिंगरे
अमोल मिटकरी
अदिती तटकरे
अमोल कोल्हे (खासदार)
शेखर निकम
निलय नाईक
एनसीपी की राष्ट्रीय टीम में अजित पवार को जगह नहीं
एनसीपी चीफ शरद पवार ने पिछले महीने जून में बड़ा बदलाव करते हुए पार्टी की कमान अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल के हाथों में सौंप दी थी. दोनों को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. इस फैसले को अजित पवार के लिए झटके की तरह देखा गया था. एक समय तक उन्हें पार्टी अध्यक्ष का दावेदार माना जा रहा था, जबकि उन्हें राष्ट्रीय टीम में भी जगह नहीं मिली थी.
इसके कुछ दिनों बाद ही अजित पवार ने पार्टी में अपने लिए भूमिका की मांग की थी और कहा कि वे पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं. अजित पवार के बयान के बाद शरद पवार ने कहा था कि हर कोई पार्टी के लिए काम करना चाहता है, अजित ने भी अपनी भावना व्यक्त की है, लेकिन पार्टी में कोई एक व्यक्ति किसी की भूमिका फैसला नहीं कर सकता है. अजित पवार समेत पार्टी के नेता मिलकर इसका फैसला करेंगे.