RANCHI: एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आज राज्य के हजारों सहायक अध्यापक राजधानी की सड़कों पर दिखे। ये शिक्षक जैसे ही सीएम आवास का घेराव करने के लिए आगे बढ़ रहे थे वैसे ही पुलिस ने इन्हें रोक दिया। राजकीय सहायक अध्यापकों ने सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए आंदोलन तेज करने की घोषणा की है। मोरहाबादी स्थित गुरुजी शिबू सोरेन आवास के पास पुलिस के द्वारा लगी गई बेरिकेडिंग के समीप इस चिलचिलाती धूप में खड़े इन सहायक शिक्षकों का हौसला कम होता नहीं दिखा। इन सहायक शिक्षकों ने इस दौरान सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। बता दें कि सरकार ने जब नियमावली बनाकर इन्हें पारा शिक्षक से सहायक अध्यापक का नामांकरण कर 60 वर्षों का सेवाकाल निर्धारित किया था। उस समय ये शिक्षक भी उत्साहित थे और खुश थे। सरकार ने भी इसे अपनी उपलब्धि बताई थी। मगर कुछ दिनों के बाद ही ये सहायक फिर आंदोलन करने लगे।
सीएमओ से बुलावा आया
आंदोलन के दौरान सहायक शिक्षकों को मुख्यमंत्री कार्यालय से वार्ता के लिए बुलावा आया। जिसके बाद एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय दूबे के नेतृत्व में शिक्षकों का 11 सदस्यीय शिष्टमंडल सीएम के ओएसडी से मिलकर अपनी बात रखी। बता दें कि राज्य भर में 62 हजार 896 सहायक अध्यापक है, जो की पूर्व में पारा शिक्षक कहलाते थे। तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के प्रयास से राज्य सरकार के द्वारा बनायी गई सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2021 को पिछले वर्ष लागू किया गया। जिसके बाद राज्य के पारा शिक्षक सहायक अध्यापक कहलाने लगे।
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