काम के एवज में पैसा नहीं देने वाले लगा रहें हैं कार्यालयों का चक्कर

चतरा: जिले में काम के एवज में पैसा लेने का कार्य रुकने का नाम ले रहा है. इन दिनों ज़िला आपूर्ति कार्यालय भ्रष्ट्राचार का अड्डा बना हुआ हैं. बिना पैसा दिए कोई कार्य नहीं हों रहा है. राशन कार्ड बनाने, कार्ड में नाम जोड़ने व हटाने के एवज में लोगों से रिश्वत ली जा रही है. पैसा नहीं देने वालों को कार्यालयो का चक्कर लगाना पड़ रहा है. वही पैसा देने वालों का काम तुरंत हो जा रहा है. इस कार्य में पदाधिकरी से लेकर कार्यालय कर्मी सभी संलिप्त हैं. साथ ही कई बिचौलिया हावी हैं. पैसा लेने के बाद सभी अहर्ता को ताक पर रखकर राशन कार्ड बनाया जा रहा है. इस तरह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ योग्य लोगो को नहीं मिल पा रहा है.

4 साल बाद भी नहीं जुड़ा राशन कार्ड में नाम
चतरा शहर के चुडीहार मुहल्ला निवासी मो० जमील अख्तर राशन कार्ड में पुत्र का नाम जोड़ाने के लिए चार साल पहले ऑनलाइन किए थे. इसके बाद प्रखंड कार्यालय व ज़िला आपूर्ति कार्यालय जाकर पता किया, लेकिन हमेशा जुड़ जाने की बात कहीं गईं. लेकिन आजतक नाम जुड़ा है. वही पैसा देने वालों को तुरंत राशन कार्ड से नाम हटाने व जोड़ने का काम किया जा रहा है.

राशन कार्ड को कर दिया गया है डिलीट
कुंदा प्रखंड के बोधाडीह गांव के महेश्वरी देवी का लाल राशन कार्ड डिलीट कर दिया गया. वृद्ध दंपत्ति काफी परेशान हैं. राशन कार्ड डिलीट करने का कोइ कारण भी नहीं बताया गया. प्रखंड व ज़िला कार्यालय का चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं. लेकिन अब तक कार्ड को फिर से शुरु नहीं किया गया है. जिससे लगभग डेढ़ साल से राशन का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. राशन नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है.

छह माह बाद भी नहीं बना राशन कार्ड
कुंदा प्रखंड के बौधाडीह गांव निवासी सकिता कुमारी ने छह माह पहले ग्रीन राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. लेकिन अब तक राशन कार्ड नहीं बना हैं. स्टेटस में डीएसओ के पास पेंडिंग बताया जा रहा है. इस तरह कई लोग परेशान हैं. वही दूसरी ओर पैसा देने के बाद तुरंत काम हो जा रहा है.

अयोग्य लोगो का बना दिया गया है राशन कार्ड

गरीब, आर्थिक रूप से कमजोर एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे है परिवारों के लिए नेशनल फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट लाया गया. इसके तहत उक्त परिवारों को बहुत कम कीमत या मुफ्त में राशन प्रदान किया जाता है. लेकिन पदाधिकारी, कर्मी व बिचौलियों की मिलीभगत से अयोग्य लोगो का राशन कार्ड बनाया गया है. राशन कार्ड बनाने के एवज में तीन से पांच हजार रूपए तक ली जा रही है. वही राशन कार्ड में नाम जोड़ने व हटाने के एवज में 500 लिया जा रहा है. लोगो का कहना है कि बिना चढ़ावा दिए जिला आपूर्ति कार्यालय में कोई काम नहीं होता है. इस तरह आज भी कई ऐसे योग्य लोगो को राशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है. मालूम हो कि सदर प्रखंड के पकरिया डोमसिटवा निवासी एक युवक की कथित तौर पर भूख से मौत हो गई थी. इस मामले को प्रखंड प्रशासन ने रफा दफा कर दिया था.

राशन वितरण में हो रही गड़बड़ी
जिले के जन वितरण प्रणाली दुकानदारों के द्वारा राशन वितरण में गड़बड़ी की जाती है. पूरा राशन मांगने पर डीलर कार्ड हटाने की धमकी देता है. जिससे कार्डधारी कुछ नहीं बोल पाते हैं. हालांकि बीच-बीच में उपायुक्त अबु इमरान व अन्य पदाधिकारियों द्वारा दुकानों का औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की जाती है.

जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने कहा
जिला आपूर्ति पदाधिकारी सलमान जफर खिजरी ने कहा कि अगर राशन कार्ड बनाने, कार्ड में नाम जोड़ने और नाम हटाने के एवज में पैसा लेने की शिकायत मिलेंगी तो संबंधित लोगो पर कारवाई की जा रही है. राशन कार्ड में नाम क्यू सिस्टम के तहत जोड़ा जा रहा है.

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