-परवेज कुरैशी

रांची। अलग झारखंड बनने के बाद 2002 में दिनेश गोप का नाम सामने आया था । लगभग छह फिट ऊंचा कद, गोरा चिट्ठा दिनेश जो कभी सेना में जाने की ख्वाहिश रखता था। इसी दौरान भाई की मौत हो गई,इस के बाद दिनेश फरार हो गया। पहले जेएलटी संगठन से जुड़ा फिर पीएलएफआई का एरिया कमांडर तक का सफर तय किया । इनके नाम करीब 150 मामले दर्ज हैं । कई बड़ी घटनाओं को अंजाम देने वाले दिनेश को अब एनआइए की गिरफ्त में है। दिनेश गोप के असम में सरदार की वेशभूषा में होने की सूचना एनआईए को मिली थी और इसके बाद उसकी गिरफ्तारी की खबर आई है। अब यह गिरफ्तारी असम से हुई है या दिल्ली से हुई है इसकी पुष्टि होनी अभी बाकी है, लेकिन एक वरीय पुलिस पदाधिकारी कहा है कि उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन यह बात दें कि भले एनआईए ने दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन 5 दिन पूर्व जब खूंटी एसपी के नेतृत्व में तीन थानों थाना प्रभारियों ने जगन्नाथपुर स्थित दिनेश गोप के माता-पिता से मुलाकात की थी और इसका एक मार्मिक अपील करता हुआ वीडियो भी वायरल किया गया जिसमें दिनेश की माता-पिता किस बदहाली में जी रहे हैं यह दिखाया गया है।

तीस लाख का है ईनामी:

पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप 30 लाख का इनाम घोषित किया गया था , 5 लाख एनआईए द्वारा घोषित किया गया था और 25 लाख झारखंड पुलिस द्वारा।

पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का वायरल फोटो

कैसे मिली सफलता:

डीजीपी अजय कुमार सिंह के पदभार लेने के बाद से ही कयास लगाया जा रहा था कि वर्तमान में सबसे शीर्ष अगर कोई नक्सली संगठन का पीएलएफआई कमांडर है तो वह दिनेश गोप है और इसकी तलाश पिछले 6 सालों से अधिक बढ़ गई थी । तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के सरकार में भी दिनेश गोप के पीछे पुलिस पड़ी थी , इसके कई जगहों की संपत्ति जब्त की गई थी और कई साथियों को भी गिरफ्तार किया गया था , लेकिन हर बार दिनेश बच कर भाग निकलता था , हालांकि सफलता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार को ही मिली। इस अभियान को तेज करने के लिए आइजी ऑपरेशन अमोल वेणु कांत होमकर की भी अहम भूमिका मानी जाती है। इनके नेतृत्व में कई बड़ी घटनाओं में शामिल पीएलएफआई के कई बड़े एरिया कमांडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं या मारे जा चुके हैं।

पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का वायरल फोटो

अबतक मिली सफलता:

पीएलएफआई के एरिया कमांडर रहे दिनेश गोप पर 30 लाख का इनाम था ही लेकिन पुलिस इसकी गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से प्रयासरत थी। एनआईए ने 19 जनवरी 2018 को केस टेक ओवर लिया आरसी 2 / 2018 से दिनेश को खोज रही है और 30 जनवरी 2022 को दिनेश गोप की दो पत्नियां हीरा देवी और शकुंतला देवी को गिरफ्तार किया था । इसके अलावा 2 मार्च 2020 को दिनेश गोप का करीबी जय प्रकाश सिंह भुईंया, अमित जायसवाल को गिरफ्तार किया था । सुमंत के पास से करीब 90 लाख नगदी बरामद किया था। इसके इसके अलावा बेड़ों एसबीआई बैंक में करीब 25.38 लाख रुपए जमा करने जा रहे चार लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। 70 लाख के करीब चल अचल हूं जब्त की गई।

भाई की मौत के बाद नक्सली बना:

दिनेश गोप मूल रूप से खूंटी जिला के कर्रा और जरियागढ़ थाना अंतर्गत लापा मोहराह टोली गांव का रहने वाला है। इसके गांव पहुंचने के लिए जरियागढ़ थाना क्षेत्र के मुख्य मार्ग से करीब बारह किलोमीटर कोलातार की सड़क जो रेलवे लाइन के किनारे से लापा गांव पहुंच सकते हैं इस गांव के पीछे एक नदी भी है।

कैसे बना नक्सली:

बताया तो यह भी जाता है कि दिनेश आर्मी में था या आर्मी में जाने की तैयारी कर रहा था इसी दौरान इसके एक भाई सुरेश की पुलिस की गोली से मौत हो गई थी। दिनेश ओडिसा भाग गया। पुलिस से बचने के लिए भागते भागते दिनेश जंगल की ओर चला गया यही। पूर्ती भाकपा माओवादी के साथ आया, बाद मसीह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और मसीह से 2009 में विधानसभा चुनाव लड़ा था दूसरे पायदान पर था।

खैर दिनेश गोप शुरुआत में जेएलटी फिर भाकपा माओवादी से जुड़ गया। दिनेश का शुरुआती लड़ाई सम्राट गिरोह से था। फिर अपना संगठन पिपुल्स लिबरेशन फ्रंट आफ इंडिया बनाया और इसका वर्चस्व खूंटी, जिला, सिमडेगा, चाईबासा, लोहरदगा, गुमला रांची में भी रहा। हत्या, मुठभेड़, रंगदारी जैसे ढ़ेरों मामलों दिनेश के नाम दर्ज है।

दिनेश गोप भाजपा नेता को दी धमकी:

भाजपा महानगर महामंत्री बलराम सिंह को मोबाइल नंबर 6287686186 से 18 मई 2023 को फोन आया था, उस वक्त वह महानगर कार्यालय में थे, फोन पर धमकी बलराम सिंह ने एफआईआर में जिक्र किया है कि फोन रिकार्डिंग के वक्त महानगर कार्यालय में जिला महामंत्री भाजपा वरुण साहू, जिला अध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा राम लगन राम, कार्यसमिति सदस्य रणधीर सिंह और गोंदा मंडल के मंत्री नयन परमार भी मौजूद थे, और दिनेश गोप ने दस एके 47 राइफल की मांग की। इस संबंध गोंदा थाने में 19मई को दर्ज कराया।21 मई को दिनेश की गिरफ्तारी की खबर आती है।

दिनेश गोप के माता-पिता

खूंटी पुलिस माता पिता से मिले:

पकड़े जाने के एक सप्ताह पूर्व संभवतः 12-13 मई 2023 को खूंटी एसपी अमन के निर्देश पर तोरपा सर्किल इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, रनिया थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार, जरिया गढ़ थाना प्रभारी पंकज कुमार संयुक्त रूप से दिनेश गोप के पिता कामेश्वर गोप, माता, चचेरी बहन और बहनोंई परमेश्वर यादव से जगन्नथपुर थाना क्षेत्र के मौसी बाड़ी झोपड़ी पट्टी में मुलाकात किया था और दिनेश गोप को आत्मसमर्पण कराने के लिए प्रेरित की थी, इस पर माता-पिता ने कहा कि करीब डेढ़ सालों से दिनेश को न देखा है न उससे बातचीत हुई है। उसके पिता ने यह भी कहा कि जिस तरह से एक बेटा सुरेश मारा गया, हम चाहेंगे कि दिनेश पुलिस की गोली से न मरे वह आत्मसमर्पण करें। इसका यहीं से माता पिता के साथ पुलिस ने एक मार्मिक वीडियो वायरल किया जो संभवतः दिनेश गोप की गिरफ्तारी का कारण बना।

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