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बोकारो। झारखण्ड में भोक्ता पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जाता है। झारखंड के गाँवो में इसे चरक पूजा के नाम से जाना जाता है। भगवान शिवकी आराधना के लिए इस पूजन का आयोजन होता है। बतातें चलें की बोकारो ज़िले के चंदनकियारी प्रखण्ड स्तिथ पुंडरू गाँव मे भोक्ता पर्व का भव्य आयोजन किया जाता है। गाँव के युवा हो या बुजुर्ग सभी हैरतअंगेज करतबो के साथ इसमें सरीक होते है।
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अपने शरीर मे वेदनापूर्ण तरीके से चमड़ीयो में छेद कर लोहे का सरिया पिरोकर गाँव का भृमण कर शिवालय पहुँचते है। ये हैरत में डालने वाली तश्वीरें आपको विचलित भी कर सकती है। कोई भीष्मपितामह बने बाणों पर लेटा हुआ है तो ईशामशी बनकर सूलियों पर लटका हुआ आसानी से दिख जाता है। यह सब भगवान शिव की आराधना में तल्लीन आसानी से नज़र आ जाते है। एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज करतबो के साथ भक्त दिख जाते है। दूरदराज के गाँवो सहित पश्चिम बंगाल से भी हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ पहुँचते है। ग्रामीणों की मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर उनकी सभी मन्नत पूरी करते है।
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