
नई दिल्ली । केंद्र सरकार जल्द ही देशभर में एक नई टोल नीति लागू करने जा रही है. जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक यह नई नीति अगले एक या दो हफ्तों में लागू की जा सकती है. इस नीति का उद्देश्य टोल वसूली प्रणाली को पारदर्शी, डिजिटल और उपभोक्ता के अनुकूल बनाना है. जिससे सफर आसान और किफायती हो सके. नई टोल पॉलिसी के तहत सबसे बड़ा बदलाव यह है कि वाहन चालकों से उतना ही टोल वसूला जाएगा. जितनी दूरी उन्होंने हाईवे पर तय की है. अभी तक टोल वसूली एक फिक्स्ड स्लैब पर आधारित थी. जिसमें यात्रियों को थोड़ी सी दूरी तय करने पर भी पूरे टोल की राशि चुकानी पड़ती थी. लेकिन नई व्यवस्था के बाद यदि कोई व्यक्ति सिर्फ 10 किलोमीटर की यात्रा करता है, तो उससे उसी अनुपात में टोल शुल्क वसूला जाएगा. सरकार इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रेकग्निशन (ANPR) और फास्टैग जैसी आधुनिक तकनीकों का सहारा लेगी. हर टोल प्लाजा पर हाई-रिज़ोल्यूशन कैमरे लगाए जाएंगे, जो वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे. इसके बाद, फास्टैग से जुड़े बैंक अकाउंट से स्वतः टोल राशि काट ली जाएगी. इस व्यवस्था से न केवल टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता खत्म होगी. बल्कि लंबी कतारों और ट्रैफिक जाम की समस्या से भी राहत मिलेगी. नई तकनीक से न केवल सुविधा बढ़ेगी. बल्कि टोल चोरी, फर्जी वाहनों और डुप्लीकेट नंबर प्लेट जैसी समस्याओं पर भी लगाम लगेगी. ANPR तकनीक हर वाहन को ट्रैक करने में सक्षम होगी. जिससे कोई वाहन बिना टोल दिए बच नहीं सकेगा. यह प्रणाली ट्रांसपेरेंसी और डिजिटल निगरानी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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