गोपालगंज । बिहार के गोपालगंज में पुलिस व अपराधियों के बीच हुए मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी मनीष यादव मारा गया। मनीष यादव एनकाउंटर मामले में सारण रेंज के डीआईजी नीलेश कुमार ने बड़ा खुलासा किया है। डीआईजी ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि सिवान और गोपालगंज के कुख्यात अपराधी पर हत्या व लूट के दस संगीन मामले दर्ज थे। उसके आपराधिक इतिहास को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने उसके ऊपर इनाम की राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गयी थी।  डीआईजी निलेश कुमार ने बताया कि कुख्यात मनीष यादव को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था और दिल्ली के साकेत कोर्ट में पेशी के बाद गोपालगंज लाया जा रहा था, इसी दौरान तड़के करीब 3 बजे गोपालपुर थाना क्षेत्र के रामपुर खुर्द गांव के समीप दो बाइक सवार 5 अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस की गाड़ी पेड़ से टकरा गयी व कुख्यात मनीष यादव सिपाही रौशन कुमार का पिस्टल लेकर उस पर फायरिंग कर दी।  इसी दौरान जवाबी कार्रवाई में मनीष यादव मारा गया जबकि सिपाही रौशन कुमार के कंधे में गोली लगी है। वही पुलिस वाहन के पेड़ से टकराने की वजह से अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटे आयी है। डीआईजी ने बताया कि मनीष यादव ने यूपी व बिहार में अपना नेटवर्क फैला रखा था और उसके गिरोह में करीब 35 गुर्गे शामिल थे। ये हत्या के साथ-साथ ज्वेलरी दुकानों में लूटपाट की घटना को अंजाम देते थे। डीआईजी ने बताया कि पुलिस टीम पर फायरिंग करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है, क्या ये अपराधी मनीष यादव को मारने या छुड़ाने के लिए आये थे इसकी भी जांच की जा रही है। वही मुठभेड़ के दौरान अन्य अपराधियों को भी गोली लगने की आशंका है, क्योंकि की घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक पिस्टल मिला है और आसपास खून के निशान पाए गए हैं। 

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