November 22, 2024

2024 में हमारी सरकार बन रही है: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

परवेज कुरैशी

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने आवास पर पत्रकारों के साथ बातचीत की और विभिन्न अखबारों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से आए पत्रकारों के सवालों के जवाब भी उन्होंने दमदार तरीके से दिया। मुख्यमंत्री ने पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार 2019 में बनी थी ढाई साल कोविद में चल गया, कुछ संडे और छुट्टियों में कट गये, जो समय बचा उसमें जो काम किया हूं वह आप सबके सामने हैं, और यह काम जनता के लिए हुआ है राज्य के विकास के लिए हुआ है जिससे भाजपा वाले परेशान हैं। जनता सब देख रही है , और काम अभी करना बाकी था कि एक महीना पूर्व चुनाव आयोग ने चुनाव की घोषणा कर दी। ऐसा झारखंड में पहलु बार हुआ है समय से पहले चुनाव। मुख्यमंत्री ने आगे कहा जहां तक 2024 में सरकार कौन बनाएंगी, तो यह जनता के बीच है और जनता इसकी भविष्य तय करेगी , जनता के मुंह से ही आप सुन सकते हैं की सरकार किसी बनेगी।
भाजपा की तरह आप पत्रकार भी डेमोग्राफी को लेकर बात करते हैं तो आपके जानकारी में होना चाहिए कि मामला कोर्ट में लंबित है।
वहीं 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर उन्होंने जोर देते हुए कहा कि झारखंड राज्य की जनता की जो भावनाएं हैं , उसी के अनुरूप हमने 1932 का खतियान लेकर आ रहे हैं और सभी को इस पर अपनी सहमति देनी चाहिए ।
2019 का चुनाव और 2024 का चुनाव दोनों में आप अंतर देख सकते हैं । पहले भी चुनाव हुआ था यही पक्ष और यही विपक्ष थे , आपके सामने अगर अगला पक्ष मजबूत है , तो सत्ता पक्ष भी मजबूत हैं, हम चुनौती देने को तैयार है। जहां तक 2024 का चुनाव है तो यह बेहतर प्रदर्शन रहेगा और हमारी सरकार बनने जा रही है।
राजनीतिक सवालों के साथ साथ उन्होंने पत्रकारों के हितों की बात पर खुलकर विचार व्यक्त किए। उन्होंने बीजेपी द्वारा जारी स्लोगन की आलोचना करते हुए कहा कि ना बंटेंगे ना टूटेंगे मगर चुनाव के माध्यम से कूटे जरूर जाएंगे। कल्पना सोरेन के राजनीति में आने के सवाल का जवाब देते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की जनता ने जन्म दिया है और वही उसका भविष्य वही तय करेगा।
आईटी रेड पर कहा कि कहां-कहां क्या हुआ कहां-कहां क्या चल रहा है पता नहीं। आज संवैधानिक संस्थाओं की क्या हालत है किस पैरामीटर पर काम करती है और किन-किन मुद्दों पर काम कर रही है यह पूरा देश देख रहा है और चर्चा भी हो रही है। कई मंच पर भी इस विषय पर चर्चाएं होती रही है। इस चुनाव के बीच में आप सब लोगों ने कभी ऐसी कार्रवाई देखी है। पिछले दिनों आपको पता है कि हमारे विरोधियों के यहां से कितने पैसे निकले वह कहां से आया था, उसका क्या हुआ, क्या नहीं हुआ मुझे तो नहीं पता, लेकिन चुनाव के बीच में मुझे लगता है यह ठीक नहीं। 2014 के पहले इस तरीके से कारवाई देखने को मिला नहीं, मुझे तो याद नहीं अगर आप सब लोगों को कोई याद है तो बताइए। भाजपा को महाराष्ट्र से ज्यादा चिंता झारखंड को लेकर है। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हम लोग बौद्धिक रूप से, संसाधनों से कमजोर हैं इसके बाबजूद हमलोग मजबूती के साथ चुनाव मैदान में हैं। आज धन कुबेर कहां है किसके साथ है किस जमात के साथ है यह सबको पता है। कुछ सीटों पर गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ हो रहे दोस्ताना संघर्ष पर कहा कि जो भी चीज हुई हैं, सभी लोगों के सहमति से हुई है। आपको मालूम होगा कि हमने भारत सरकार से अभी 1लाख 36 करोड़ रुपए बकाया का दवाब बना रखा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के लोग सुपारी लेकर आए हैं, हमारी सरकार को अपदस्त करने के लिए। लेकिन इनके मंसूबे सफल नहीं होंगे।

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