November 24, 2024

गुमला । झारखंड के गुमला के चैनपुर थाना क्षेत्र के मड़ईकोना गांव में जड़ी-बूटी से टीबी की दवा बनाकर खाने से वैद्य समेत दो लोगों की मौत हो गई। वहीं टीबी मरीज समेत तीन की हालत गंभीर है। पीड़ितों में एक महिला भी शामिल हैं। घटना शुक्रवार की है। मृतकों में 42 वर्षीय वैद्य सुधीर तिर्की और 45 वर्षीय बंसत तिर्की हैं। गंभीर लोगों में मृतक बसंत की पत्नी सुषमा तिर्की, बादल टोप्पो और 22 वर्षीय मरीज सुजीत तिर्की शामिल हैं। तीनों को पालकोट रोड स्थित साहू नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। दवा खाने वाले बसंत के बेटे शशि की हालत खतरे से बाहर है। इधर, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बसंत के घर से बरामद दवा समेत अन्य चीजों को फॉरेंसिक जांच के लिए रांची भेजा जाएगा। तीन डॉक्टरों की मेडिकल टीम ने शनिवार को वैद्य सुधीर और बंसत के शव का पोस्टमार्टम किया। मृतक बसंत के बेटे शशि ने बताया कि वैद्य सुधीर जड़ी-बूटी से दवा तैयार कर इलाज करता था। शुक्रवार की शाम टीबी मरीज सुजीत तिर्की वैद्य के घर पहुंचा। वैद्य ने हाथ टूटे होने से दवा बनाने में असमर्थता जताई। इसके बाद बसंत के घर पर दवा बनाई गई, जिसे मरीज, वैद्य समेत छह लोगों ने सेवन किया। कुछ देर बाद सबकी हालत बिगड़ने लगी। गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड के मडईकोना गांव में हुई घटना भी अज्ञानता और अशिक्षा का परिणाम बताया जा रहा है। सुजीत तिर्की जिला यक्ष्मा कार्यालय द्वारा चिन्हित टीबी मरीज है। उसे सरकार से हो रहे निशुल्क इलाज पर भरोसा नहीं था। फलस्वरूप वह शुक्रवार को अपने परिवार वालों के साथ वैद्य सुधीर तिर्की से टीबी का जड़ी-बूटी वाला दवा लेने पहुंच गया।

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