डिजिटल कृषि मिशन को मिली मंजूरी
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को कृषि क्षेत्र से संबंधित सात बड़े कार्यक्रमों के लिए करीब 14,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी. इसमें डिजिटल कृषि मिशन और फसल विज्ञान के लिए योजना भी शामिल है.केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 85 दिनों में कुल 2,48,677 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये अहम फैसला किया गया. सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल में लिए गए इन निर्णयों की जानकारी दी.उन्होंने बताया कि कृषि शिक्षा और प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 2,291 करोड़ रुपये के कार्यक्रम के साथ पशुधन के टिकाऊ स्वास्थ्य के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी गई है.इसके अलावा मंत्रिमंडल ने बागवानी क्षेत्र के टिकाऊ विकास के लिए 860 करोड़ रुपये की एक और योजना को भी स्वीकृति दी है.कृषि क्षेत्र से संबंधित इन सातों कार्यक्रमों के लिए कुल आवंटन 13,960 करोड़ रुपये से अधिक का है.
केन्स साणंद में लगेगा 3,307 रुपये का सेमीकंडक्टर संयंत्र
केंद्रीय कैबिनेट ने गुजरात के साणंद में 63 लाख चिप प्रतिदिन उत्पादन क्षमता वाली सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के केन्स के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. इसके लिए 3,307 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.मंत्री ने कहा, मंत्रिमंडल ने केन्स संयंत्र को मंजूरी दे दी है, जिसकी प्रतिदिन 63 लाख चिप का विनिर्माण करने की क्षमता है. ये संयंत्र 46 एकड़ में बनेगा. ये एक बड़ा संयंत्र है और उत्पादन का बड़ा हिस्सा केन्स इंडस्ट्रीज को जाएगा. इसकी बुकिंग पहले ही हो चुकी है.
वैष्णव ने कहा,इस संयंत्र में बिजली से संबंधित चिप,मोटा वाहन और घरेलू उपकरणों में इस्तेमाल होने वाली चिप का भी विनिर्माण किया जाएगा.ये संयंत्र बिजली क्षेत्र से संबंधित चिप की भी आपूर्ति करेगा. कंपनी ने इस परियोजना के लिए गुजरात के साणंद में पहले ही जमीन का अधिग्रहण कर लिया है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. इस इकाई के लिए प्रस्तावित निवेश करीब 3,307 करोड़ रुपये है.
मुंबई व इंदौर के बीच बनेगा नई रेलवे लाइन
नई दिल्ली : रेल मंत्रालय के तहत 18,036 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी है। इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित नई लाइन सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी की नए भारत की कल्पना के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से लोगों को आत्मनिर्भर बनाएगी, जिससे उनके लिए रोजगार,स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध सम्पर्क प्रदान करेगा।यह परियोजना 2 राज्यों, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी।