हंटरगंज : प्रखण्ड के एनएच 99 पर ब्लॉक मोड़ स्थित नावाडीह में दूषित पानी के सेवन से मां बेटे की मौत,बड़ी बेटी गंभीर रूप से बीमार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हंटरगंज में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कालेज गया रेफर कर दिया गया है। जबकि छोटी बेटी का इलाज हंटरगंज हस्पताल में किया जा रहा है।
मोती साव की 40 वर्षीय पत्नी विमला देवी इलाज के लिए शेरघाटी जाने के क्रम में ही दम तोड दी।शेरघाटी में डाक्टरों ने मृत घोषित कर वापस घर भेज दिया।वहीं पुत्र सूरज कुमार 10 वर्षीय रात्रि लग भाग चार बजे कुछ खाने को मांगा खाने पीने के बाद उसकी हालत खराब हो गई और देखते ही देखते उसके लिए कुछ किया जाता तब तक उसने भी दम तोड दिया।उसकी पुत्री नीलम देवी 24 वर्षीय की हालत खराब होते देख कर चिकत्सा पदाधिकारी डा वेद प्रकाश ने बेहतर उपचार के लिए 108 एंबुलेंस से मगध मेडिकल कॉलेज गया भेज दिया है।मौत की खबर सुनकर स्थानीय सीओ सीता राम महतो,बीडीओ निखिल गौरव कामन कश्यप,थाना प्रभारी मनीष कुमार,मंत्री प्रतिनिधि देव लाल यादव,जिला परिषद प्रतिनिधि बेचन पासवान,पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष अरविन्द कुमार सिंह,मुखिया बिरजू सिंह पहुंच कर घर वालों को संतौवना एवं ढाढस बंधाया है।मोती साव और पड़ोसी प्रवेज़ ने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगया है कि तीन दिन पूर्व वर्षा अधिक होने के कारण पूरा एलाका जल मगन हो गया है।पानी जमाव के कारण घर गिरने की भी सूचना दी गई।लेकिन प्रशासन की घोर ला परवाही के कारण अब तक पानी भरा हुआ हैऔर पानी दूषित हो गया है जिस के कारण उल्टी और दस्त हुआ और मां बेटे की जान चली गई है।वहीं गुड़िया कुमारी 10 वर्षीय पिता प्रवीण कुमार भी उल्टी और दस्त होने के कारण हॉस्पिटल में एडमिट बताया जा रहा है।ग्रामीणों ने इसे डायरिया कहा है वहीं डॉक्टर का कहना है कि वायरल बीमारी है।फिर भी एक ही घर के मां और बेटे की मौत और दो बेटी गंभीर रूप से बीमार कई प्रश्नों को जन्म दे रहा है।
इतना ही नहीं आवेदन देने के उपरांत जांच में आए सीओ ने ग्रामीणों के समक्ष कहा की मौत होने के बाद ही प्रशासन एक्टिव होती है।जिस से ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है।पानी की निकासी पर अगर समय रहते उपाय नहीं निकाला गया तो कई और मौतें हो सकती है।