रांची। 23अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को भाजयुमो की आक्रोश रैली में हुए बवाल के बाद भाजपा के बड़े नेताओं सहित करीब 42 नामजद और 12 हजार अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने की बातें सामने आ रही है। ये पूरा मामला मोरहाबादी मैदान में आयोजित भाजयुमो में आक्रोश रैली में जम कर हुए बवाल से जुड़ी है, जिसमे दर्जन भर पुलिसकर्मी और कार्यकर्ता घायल हुए थे। पुलिस द्वारा भीड़ कंट्रोल करने के लिए अश्रु गैस छोड़े थे , तो वहीं भाजयुमो ने पुलिस पर पत्थरबाजी की , जिसमें कई पुलिस वाले घायल हुए और भाजयुमो कार्यकर्ता भी चोटें आई, इस पूरे मामले में कांग्रेस के ग्रामीण विकास मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि घटना घटी नहीं बल्कि घटाई गई है, भाजपा वाले पहले से ही प्लान बनाकर थे, कि दंगा फसाद करेंगे ताकि जनता में यह संदेश जाए कि उसके साथ मारपीट हुई, गोलियां चलाई गई। इसे एजेंडा बनती और चुनाव में जाती , लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं । मैं फिर से कहूंगा कि भाजपा के लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, पुलिसकर्मी घायल हुए और हमारे पुलिस भाइयों ने उस पर गोली क्यों नहीं चलाई ? हमारी पुलिस को मार रहा था, तो पुलिस ने गोली क्यों नहीं चलाई ? हमारी पुलिस का खून बहेगा हम बर्दाश्त करेंगे क्यों ? इसकी जांच होनी चाहिए, मेन रोड में हमारे लड़के नमाज पढ़कर निकलते हैं शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस निकालकर हल्का-फुल्का झड़प होती है, तो पुलिस उस पर गोली चल दिया , गोली उस पर नहीं चलाते , पानी का फव्वारा चला देते , जैसे भाजयुमो के आक्रोश रैली में आपने चलाया। ऊपर से मीडिया भाजपा की तारीफ कर रहा है , जो दंगा कर रहा है उसकी तारीफ कर रहा है, ठीक उल्टा 2 साल पहले मेन रोड में जो कांड हुआ था, आतंकवादियों ने पुलिस पर पथराव कराया , ऐसा कहीं होता है क्या ? बिल्कुल मैं कह रहा हूं कि पुलिस वाले ने गोली क्यों नहीं चलाई कल ? हमारे पुलिस वाले घायल हैं अस्पताल में भर्ती हैं, ये लोग दंगा फसाद करने में माहिर है, इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए ? दोषी है तो उसे पर कार्रवाई होनी चाहिए।