
जिला से लेकर प्रखंड तक के अधिकारी हैं परेशान
डकरा : साहब सेट भी नहीं हुए थे और काम शुरू कर दिया गया जिसके कारण खलारी में एक बड़ी घटना हो गई.घटना के बाद क्षेत्र में इसको लेकर खूब चर्चा है.खलारी का खनिज की सुरक्षा में सरकार द्वारा तैनात लोगों ने मिलकर दो महीने पहले ही योजना बनाई थी.दो महीने से काम चल रहा था.जो लोग काम कर रहे थे उन्हें यह पता था कि पूरा व्यवस्था मैनेज करने के लिए जब रुपया दे दिया गया है तो दिनदहाड़े भी काम किया जा सकता है.एक साहब मैनेजमेंट में शामिल नहीं हुए थे और उनके हिस्से का प्रसाद बीच में ही अटका हुआ था.वे एक दिन अंधेरा होने से पहले ही जिस रास्ते से जा रहे थे उसी रास्ते में उनके आगे-आगे एक खनिज से भरा वाहन चल रहा था तो उन्हें यह नागवार लगा और वे उसे पकड़कर वर्दी वाले साहब के पास ले गए.वहां मैनेज करने की बात हुई और तय हुआ कि बगैर मुकदमा के उसे छोड़ दिया जाएगा लेकिन इस बीच मैनेजमेंट के लिए खर्चा देने वाले लोग भड़क गए और बैठक कर चर्चा किए कि जब साहब को दे दिया गया है तो तो कारवाई क्यों किया? इस दौरान साहब वर्दी वाले साहब के व्यवहार से नाराज होकर पुनः एक बड़ी कार्रवाई के अभियान पर उन्हें बगैर सूचना दिए निकल गए.अभियान में उन्होंने एक छोटा शिकर भी कर लिया और वापस लौट रहे थे इसी बीच नाराज लोगों से आमना-सामना हो गया और घटना घट गई.घटना के बाद हर कोई अफसोस करने लगा लेकिन तब तक बात बिगड़ चुकी थी और दिन के उजाले में पकड़े गए एक वाहन को जिसे बख्श देने का निर्णय लिया जा चुका था उसे भी लपेटे में ले लिया गया.कुछ तमाशाबीन भी नामजद आरोपी बन गए.इसके बाद फिर शुरू हुआ मैनेज करने का प्रयास प्रखंड से लेकर जिला तक के लोग प्रयास किए लेकिन मिडिया में मामला छा जाने का हवाला देकर साहब नहीं माने और जो नहीं होना था वह सब हो गया.

जिला के साहब बहुत दुखी हैं
डकरा.घटना से जिला के एक साहब बहुत दुखी हैं.उन्होनें सबको मैनेज करने का भरपूर प्रयास किया इस काम में क्षेत्र के एक बड़े नेता खूब मेहनत किए लेकिन सब बेकार हो गया.जिला के साहब को क्षेत्र के नेता ने बालू से लेकर कोयला तक में बढ़ीया से सेट कर दिया था.एक बड़ी कंपनी से उनका महीना तय है और अन्य तरह के काम का अलग व्यवस्था बना था.जिला के साहब एक रात खलारी के सभी नदियों का चक्कर काटे थे तब व्यवस्था बनी थी लेकिन घटना से वे बहुत आहत हैं.