हम जब भी सांपों को देखते हैं तो डर जाते हैं। कई लोग उन्हें देखते ही मार देते हैं या मारने की कोशिश करते हैं। लेकिन 42 साल से शोएब अहमद पिछले 20 सालों से सांपो को बचा रहे हैं। दरअसल जब वह 22 साल के थे तब वह बेंगलुरु में रहते थे, उन्होंने देखा था कि कुछ लोग मिलकर एक सांप के पीछे डंडा लेकर भाग रहे हैं और आखिरकार सांप को मार देते हैं। यह देखकर शोएब काफी दुखी हुए थे, तब से ही उन्होंने ठान लिया था कि वह अब इसे एक मिशन की तरह चलाएंगे और सांपो कीकुछ दिनों में उनके पास खूब कॉल्‍स आने लगीं। रक्षा करेंगे। पहले आस-पास जो सांप निकलता था उसको बचाने के लिए शोएब को कॉल्स आते थे, लेकिन कुछ दिनों में उनके पास खूब कॉल्‍स आने लगीं। इसके बाद उन्हें सांपों के प्रति आकर्षण हो गया। 

7,000 से ज्‍यादा सांपों को बचाया है
शोएब हर वक्त सांप की ही कल्पना करते थे। वह तरह-तरह के सांप के बारे में सोचते थे। सांपो पर जानकारियां जुटाने लगते थे। धीरे-धीरे यह प्‍यार जुनून में बदल गया। वह अब 42 साल के हो चुके हैं। सांपों को बचाने के जुनून में उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी। शोएब ने पिछले 20 साल में 7,000 से ज्‍यादा सांपों को बचाया है। इनमें से अधिकतर कोबरा हैं। भारत में जहरीले सांपों की करीब 60 प्रजातियां हैं। 

पिता पहले खुश नहीं थे 
भले ही शोएब की सांपों को हैंडल करने में माहिर हैं लेकिन, वह पक्षियों, बंदरों, कछुओं और अन्य जानवरों को भी बचाते हैं। शोएब कहते हैं कि उनको सांपों से कभी डर नहीं लगा। बस, शुरू में डर माता-पिता को बताने में लगा था। पहले तो मां को काफी चिंता हुई। लेकिन, उन्हें भरोसा था कि वह अच्छा काम कर रहे हैं। उनके पिता इससे खुश नहीं थे। लेकिन, जब लोग शोएब की प्रशंसा करने लगे तो उनका गुस्सा शांत हो गया। 

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